
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि कम से कम करीब 40 बार अदालतों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया है। अधिकारियों ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुार की हलिया टिप्पणियों का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सीईसी कुमार ने बताया है कि ईवीएम 100 फीसदी सुरक्षित हैं और सभी राजनीतिक दल दिल से जानते हैं कि मशीन में कोई खराबी नहीं है। ईवीएम निष्पक्ष हैं। अधिकारियों ने कहा कि ईवीएम के इस्तेमाल के बावजूद सत्तारूढ़ दल को कई बार चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले, सीईसी कुमार ने कहा था कि ईवीएम के कारण कई राजनीतिक दल अस्तित्व में आए हैं, जो मतपत्र के युग में अस्तित्व में ही नहीं थे। सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि किसी भी प्रणाली पर आंख मूंदकर संदेह करना किसी भी व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। पीठ ने कहा कि ‘संतुलित परिपेक्ष महत्वपूर्ण है। आंख मूंदकर किसी भी व्यवस्था पर संदेह करना उस व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। सार्थक आलोचना करने की जरूरत है फिर चाहे वो न्यायपालिका हो या फिर विधायिका। लोकतंत्र, सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास कायम रखने के बारे में है। विश्वास और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं।’ सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम संबंधी याचिकाओं को खारिज करने के साथ ही चुनाव आयोग के लिए भी दो निर्देश जारी किए हैं। जिसके पहले निर्देश के तहत कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग को ईवीएम में चुनाव चिन्ह लोड करने के बाद चुनाव चिन्ह लोडिंग यूनिट को सील करके सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए। इन सील कंटेनर्स को चुनाव नतीजे घोषित होने के 45 दिन बाद तक ईवीएम के साथ ही सुरक्षित स्टोर रूम में रखना चाहिए।






















