जांजगीर चांपा। एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मनरेगा के तहत लाखो रुपए खर्च कर तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है वही दूसरी कलेक्टर सहित राजस्व विभाग के निष्क्रियता के चले गांव के कई तालाब अपना अस्तित्व खोते जा रहा है।अतिक्रणकारी तालाबों को पाटकर आलीशान मकान और दुकान बना कर कब्जा कर रहे है।गांव के कुछ जागरूक नागरिकों ने इसकी शिकायत कलेक्टर सहित राजस्व विभाग को कई बार कर चुका है बावजूद इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।जिससे अतिक्रमकारियो का हौसला बुलंद है।
जिला मुख्यालय से लगा हुआ ग्राम खोखरा में मंडी चौक से लेकर धाराशिव मोड़ तक जहां देखो वहां अतिक्रमणकारी रोड किनारे सरकारी कीमती जमीन हो या फिर पुरखो का बनाया तालाब हो, हर जगह आलीशान मकान और दुकान बनाकर कब्जा कर रहे है। यहा कई ऐसे लोग है जो तहसीलदार कार्यालय और पटवारी कार्यालय में बैठकर दलाली का काम भी करते है।इन्ही लोगो के द्वारा गांव के कई जगह सरकारी जमीन में कब्जा कर औने पौने दाम में बेचकर लाखो रुपए कमा रहे है।अतिक्रणकारियो द्वारा बुटरी तालाब,डोंगिया तालाब,स्कूल चौक के डबरी, हंससागर तालाब,बड़े खइया,बिसगरी तालाब सहित कई छोटे डबरियो को पाटकर कब्जा कर रहे।गांव वालो द्वारा इसकी शिकायत कई बार कलेक्टर से भी कर चुके है,लेकिन इस ओर कलेक्टर का भी ध्यान नही है।
डबरी को पाट देने से बारामसी पानी की निस्तरी में आ रही समस्या
स्कूल चौक स्थित मेन रोड से लगा हुआ डबरी को अतिक्रणकारियो द्वारा पाटकर आलीशान दुकान बनाकर कब्जा कर लिए है।जिससे गांव के बस्ती के पानी का निस्तारी नही होने से ग्रामीण परेशान है।चूंकि बस्ती के बारामासी पानी जो की स्कूल चौक के पास स्थित डबरी से डोंगिया तालाब में जाता है।उसके लिए लोकनिर्माण विभाग द्वारा एक पुल भी बनाया गया है लेकिन अतिक्रणकारियो द्वारा पुल को पाटकर कब्जा कर लिया है जिससे बस्ती के पानी निस्तारी में समस्या आ रही है।
पटवारी और तहसीदार की भूमिका संदिग्ध
गांव में हो रहे अतिक्रमण को रोक पाने में पटवारी और तहसीदार नाकाम साबित हो रहे है। सूत्रों की माने तो यहां के जो रसूखदार लोग है वही लोग सबसे ज्यादा बेजाकब्जा किए है।ग्रामीणों का आरोप है कि इन लोगो के द्वारा पटवारी और तहसीदार के साथ मिलकर सरकारी जमीनों और तालाबो को पाटकर कब्जा कर रहे है। राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी आंख बंद किए हुए है।