रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की स्पेशल कोर्ट में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी हुई, जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी न्यायिक रिमांड 4 मार्च तक बढ़ा दी है। सुनवाई के दौरान कवासी लखमा ने कोर्ट से विधानसभा सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता से जुड़े कई अहम मुद्दे हैं, जिन्हें उन्हें विधानसभा में उठाना है। उनके वकील फैजल रिजवी ने इसके लिए कोर्ट में औपचारिक आवेदन भी दिया।
ED के वकील सौरभ पांडे ने इस मांग पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में तर्क दिया कि यदि विधानसभा में कोई महत्वपूर्ण वोटिंग हो रही हो, कोई सवाल पूछा गया हो, या लखमा को किसी जवाब के लिए बुलाया गया हो, तो इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। इसके अलावा, ED ने यह भी दलील दी कि राज्यपाल की ओर से लखमा को विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए कोई आधिकारिक पत्र नहीं दिया गया है, इसलिए उन्हें अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और इस पर 20 फरवरी को निर्णय सुनाया जाएगा। बता दें कि शराब घोटाले की जांच में ED ने अब तक कई खुलासे किए हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर पैसों के लेन-देन और अनियमितताओं की बात सामने आई है। लखमा की गिरफ्तारी से इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। बीते दिनों इस मामले में EOW (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) में रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर से भी पूछताछ की थी।