पचरा पौडी के भवन का बुरा हाल
कोरबा। कोरबा जिले में सरकारी स्वास्थ्य केदो की संख्या और संसाधन में बढ़ोतरी का काम लगातार चल रहा है इस प्रकार की कार्य पद्धति से अधिकतम लोगों को चिकित्सा लाभ देना संभव हो रहा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बहुत अच्छी नहीं है । पोंडी उपरोड़ा विकास खण्ड के पचरा उपस्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल है। जर्जर स्थिति में भवन के होने से एक तो काम मरीज यहां पहुंचते हैं और जो आते हैं उन्हें इस बात का डर बना होता है कि पता नहीं कब क्या हो जाए ।
छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा पिछले वर्षों में ही पचरा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया और कई संसाधन के साथ सेटअप मंजूर किया गया। उम्मीद थी कि यह सब व्यवस्था होने से अधिकतम लोगों को इस अस्पताल से लाभान्वित करना संभव होगा लेकिन अब ऐसा सोचना गलत साबित हो रहा है। जानकारी में बताया गया है कि अस्पताल भवन का निर्माण गुणवत्ता की दृष्टिकोण से सही नहीं हुआ है। समझौते से रिश्ता कायम होने के कारण अब विपरीत स्थिति यहां पर बनी हुई है। अस्पताल भवन का छज्जा गिर रहा है। साथ ही दीवार पूरी तरह क्रेक हो गई है। हर कोने में इस प्रकार के नजारे सामने आ रहे हैं जिनमे दरारों को साफ देखा जा सकता है । यही कारण है कि इस अस्पताल में उपचार करने के लिए आने से पहले मरीज को काफी स्वच्छ विचार करना पड़ता है कि वह जाएं या कहीं और देखें। आपात स्थिति में यहां संस्थागत प्रसव से संबंधित मामलों को निपटाया जा रहा है। इस दौरान गर्भवती स्त्री के साथ-साथ परिजनों को अंदेशा बना होता है कि पता नहीं कब क्या हो जाए। अस्पताल की जर्जर स्थिति को देखते हुए काफी समय से इसके सुधार के लिए मांग की जाती रही है लेकिन अब तक इस तरफ गंभीरता दिखाने में रुचि नहीं ली गई। मौजूदा स्थिति में इस केंद्र के कर्मचारियों के साथ-साथ मरीज डर के साये में ड्यूटी करने और उपचार करने को मजबूर है।