जमनीपाली। बिजली घरों में उत्पादन की प्रक्रिया के लिए हर दिन कई लाख टन कोयला की खपत हो रही है। इस दौरान एक निश्चित अनुपात में राख का उत्सर्जन हो रहा है। कोरबा शहर के बाद अब जमनिपाली क्षेत्र में जहां तहां राख को डंप करने से कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो रही हैं और लोग परेशान हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से देखने को मिल रहा है कि सरकारी के साथ-साथ लोगों की निजी जमीन पर भी बिजली घरों से निकलने वाली राख को डंप करने का काम ट्रांसपोर्टर के लोग कर रहे हैं। रात के अंधेरे में चोरी छुपे इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। कई जगहों पर राखड़ का स्टॉक होने के साथ यह बात पुख्ता हो रही है कि लंबे समय से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। हवा के झोंके चलने पर राख यहां से उड़ते हुए आसपास में न केवल पहुंचती है बल्कि लोगों के घरों संस्थाओं और पर्यावरण को बुरी तरीके से प्रभावित भी करती है। पहले ही विशेषज्ञ इस बात को कह चुके हैं कि बिजली घरों से उत्सर्जित अपशिष्ट के साथ लंबे समय तक संपर्क होने की स्थिति में लोगों के सामने कई प्रकार की समस्याएं पेश आ सकती हैं और वे विभिन्न बीमारियों के लपेटे में आ सकते हैं। अनेक मौकों पर इस प्रकार की शिकायत है न केवल सामने आई हैं बल्कि लोगों ने प्रमाण के साथ प्रशासन को अवगत कराया है। इतना सब कुछ होने और एनजीटी के द्वारा फटकार लगाने के बाद भी बिजली घरों का संचालन करने वाला प्रबंधन उन पार्टियों को लगाम नहीं लग सका है जिन्हें फ्लाई ऐश ट्रांसपोर्टेशन के काम से जोड़ा गया है।