जबलपुर, १8 दिसम्बर।
शहपुरा भिटौनी के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) का ड्राइवर लोकायुक्त के हत्थे चढ़ गया। एसडीएम नदीमा शीरी का ड्राइवर डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा। आरोपी का मूल पद चपरासी है। लोकायुक्त दल ने भृत्य के कब्जे से रिश्वत की राशि बरामद कर ली है। अपर कलेक्टर ने उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
उधर, एसडीएम की भूमिका को संदिग्ध मानकर तत्काल प्रभाव से शाहपुरा तहसील से हटाकर कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया है। लोकायुक्त ने भी एसडीएम की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि शहपुरा तहसील में पदस्थ चपरासी सुनील कुमार पटेल को डेढ़ लाख रुपयों की रिश्वत लेते हुए टीम ने पकड़ा है। इसकी शिकायत शहपुरा भिटौनी के खमदेही गांव के संग्राम सिंह ने की थी। खामदेही के मुख्य मार्ग से लगी संग्राम के रिश्तेदार की एक एकड़ जमीन है। इस जमीन पर गांव के किसान बासमती धान का भंडारण करते हैं। 28 अक्टूबर को शहपुरा तहसीलदार ने मौके पर निरीक्षण कर पंचनामा बनाया था। इस पर एसडीएम ने आवेदक को कारण बताओ नोटिस दिया था। नोटिस मिलने पर मामले को रफा-दफा करवाने के लिए एसडीएम के चपरासी सुनील से बातचीत की गई थी तो उसने तीन लाख रुपयों की रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त दल के उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झरवडे, निरीक्षक कमल सिंह उईके, निरीक्षक नरेश बेहरा ने शिकायत के सत्यापन के लिए कॉल रिकॉर्ड की और मंगलवार को रिश्वत की आधी राशि देने के लिए धनवंतरी नगर तय किया गया था।शहपुरा तहसीली में एसडीएम के भृत्य पद पर पदस्थ है। वह चपरासी के साथ एसडीएम का ड्राइवर भी बना हुआ है। जानकारी मिली है कि वह लोगों के मामले को रफा-दफा करवाने का भी काम करता था।
शहपुरा की तत्कालीन एसडीएम नदीमा शीरी को आनन-फानन में कलेक्ट्रेट अटैच करने के पीछे भृत्य की ट्रैपिंग सामने आ रही है। पूर्व में भी इस तरह की शिकायत कलेक्ट्रेट तक पहुंची थी। जिम्मेदार समझ रहे हैं कि इतनी बड़ी राशि रिश्वत में एक भृत्य नहीं ले सकता है। लिहाजा, अपर कलेक्टर ने शीरी को हटाकर उसकी जगह शहपुरा का प्रभार डिप्टी कलेक्टर कुलदीप पाराशर को दिया है।