कोरिया बैकुंठपुर। 26 जुलाई को शाआकउमावि बैकुंठपुर में प्राचार्य अमृतलाल गुप्ता के मार्गदर्शन में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कारगिल विजय दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी जितेन्द्र गुप्ता एवम विशिष्ट अतिथि के रुप मे सेना के सेवा निवृत्त सैनिकों में सर्वश्री विकास मित्रा, सूबेदार प्रवीण सिंह, मो कलीम , नायक विजेन्द्र कुमार , ओ पी राजवाड़े शुशील कुमार उपस्थित रहे,कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य अमृतलाल गुप्ता द्वारा की गई। कारगिल विजय दिवस का यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी सुश्री शाहिस्ता अंजुम अली के माध्यम से राष्ट्रीय सेवा योजना के वैनर तले मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर शुभारम्भ किया गया।ततपश्चात अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ से किया गया।मंचासीन सेवा निवृत्त सभी सैनिकों में से मो कलीम एवम सूबेदार प्रवीण सिंह ने अपने उद्बोधन में कारगिल की घाटियों में 60 दिनों तक भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेनाओं के साथ मिले घुसपैठिए आतंकियों के बीच चले युद्व को भारत की विजय यात्रा के रूप में विस्तार पूर्वक बताया गया। उन्होंने बताया कि कारगिल घाटी के विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच पाकिस्तानियों के द्वारा कब्जा किए गए टाइगर हिल पर अपनी विजय पताका फहराते हुये पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाया,इस युद्ध मे 500 से अधिक वीर सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा हेतु अपना बलिदान दिया था।वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी जितेन्द्र गुप्ता अपने संबोधन में बताया कि आज का यह दिन कारगिल विजय दिवस भारत के स्वाभिमान, अद्भुत पराक्रम एवम दृढ़ नेतृत्व का प्रतीक है। यह दिनअपना सर्वस्व मातृभूमि की रक्षा हेतु समर्पित करने वाले अमर शहीदों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करने का है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य श्री गुप्ता ने बताया की भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपने मार्मिक भाषणों से संपूर्ण भारतीय जनमानस में देश के प्रति एकता का संचार कर दिया था जिससे यह दिन भारत के सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
भारतीय सेना की यह शौर्य गाथा प्रत्येक राष्ट्र प्रेमी को गौरवान्वित करती है।राष्ट्रीय सेवा योजना के सहायक कार्यक्रम अधिकारी एन के दिवाकर द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार किया गया एवम कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता आर एल गौतम द्वारा किया गया।कार्यक्रम में रा से यो की सैकड़ों स्वयंसेवी छात्राएं उपस्थित रहीं।