कोरबा। श्रमिकों की आपूर्ति से संबंधित एक मामले में कोरबा के एक कारोबारी की फर्म को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्ट करने व 16लाख की अमानत राशि जब्त करने के मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक बुरी तरह से नप गए। उच्च न्यायालय ने याचिका के आधार पर इस आदेश को रद्द कर दिया। अब विभाग को कारोबारी की अमानत राशि वापस करनी होगी। इस मामले में अधिकारी पर 50 हजार रुपए की पेनाल्टी भी की गई है। जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम, कोरबा के अधीन ट्रांसपोर्ट कंपनी की संचालक कविता जैन पति महावीर जैन 42 वर्ष, मेन रोड कोरबा द्वारा अनुबंध किया गया था। पंजीकृत फर्म लोडिंग व अनलोडिंग के लिए मजदूरों की आपूर्ति के व्यवसाय में लगी हुई है। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए खाद्यान्न परिवहन एवं लोडिंग-अनलोडिंग के लिए मजदूरों की आपूर्ति हेतु निविदा के क्रम में याचिकाकर्ता कविता जैन के पक्ष में 19 अगस्त 2021 को कार्यादेश जारी किया गया और 26 अगस्त 2021 को दोनों पक्षों में समझौता हुआ। अनुबंध अवधि तक कार्य सफलतापूर्वक निष्पादित हुआ, इसके बाद प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति निगम की सहमति से समझौता 3-3 महीने के लिए बढ़ाते हुए नए ठेकेदार की नियुक्ति तक कार्य प्रदान किया गया। वर्ष 2022 में 4 से 6 अक्टूबर के बीच नवरात्रि व दशहरा के कारण मजदूर, हमाल नहीं आने की सूचना विभाग के आदेश के संबंध में फर्म के द्वारा दी गई थी। इसके पश्चात् जिला प्रबंधक नान ने 1 नवंबर 2022 से तीन महीने की अतिरिक्त अवधि के लिए अनुबंध बढ़ाने का प्रस्ताव दिया जिसमें पुराने दर पर मजदूर नहीं मिलने का हवाला देकर फर्म ने अनुबंध करने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही फर्म को 3 साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया। इस आदेश को पीडि़ता ने कोर्ट में चुनौती दी जिस पर न्यायाधीश ने सुनवाई के बाद विचार करते हुए राहत दी। कोर्ट ने कहा कि मामला इतना गंभीर नहीं कि फर्म को ब्लैक लिस्ट किया जाए।