
शासन की उदासीनता से जांजगीर चांपा एवं सक्ति जिला हो रहा अपेक्षित
सीताराम नायक
जांजगीर चांपा। अविभाजित जिला जांजगीर चांपा में चार नगर पालिका परिषद एवं 15 नगर पंचायत होने के बाद भी विकास कार्यों की तकनीकी स्वीकृति कराने आज भी बिलासपुर का मुंह ताकना पड़ रहा है जहां नगर पालिका परिषद चांपा में कार्यपालन अभियंता एवं सहायक अभियंता के पद होने के बावजूद भी शासन द्वारा यहां कार्यपालन अभियंता एवं सहायक अभियंता पदस्थ नहीं किया गया है जिसके कारण विकास कार्यों को गति देने में बहुत देरी होने लगा है। नतीजा यह है कि जहां सत्ता पक्ष के नेताओं का ध्यान इधर नहीं जा रहा वहीं विपक्ष के नेता भी इससे अनभिज्ञ बने हुए हैं। जिसके कारण जांजगीर चांपा सहित सक्ति जिला विकास कार्यों में पिछड़ते जा रहा है।
ज्ञात हो कि जांजगीर चांपा जिले में चांपा,जांजगीर एवं अकलतरा तीन नगर पालिका परिषद है वही नगर पंचायत में बलौदा, नवागढ़, खरौद, राहोद शिवरीनारायण, सारागांव, नए नगर पंचायत में पामगढ़ एवं नरियरा,कोसमंदा का नाम शामिल है जहां विकास कार्यों की तकनीकी स्वीकृति का करना आवश्यक होता है। इसके पहले नगर पालिका परिषद चांपा में कार्यपालन अभियंता एवं सहायक अभियंता पदस्थ होने के कारण तकनीकी स्वीकृति के लिए कहीं जाना नहीं पड़ता था और कार्य सुगमता से होते रहा है परंतु कुछ समय से यह पद रिक्त पड़े हुए हैं।इसी तरह सक्ति जिले में नगर पालिका के रूप में केवल सक्ति नगर पालिका है तो वहीं नगर पंचायत के रूप में अड़भार, डभरा, जैजैपुर, बाराद्वार, चंद्रपुर का नाम शामिल है नगर पालिका परिषद सक्ति में भी ना तो कार्यपालन अभियंता है और ना ही सहायक अभियंता जिसके चलते इन नगर पंचायत एवं नगर पालिका के विकास कार्य की तकनीकी स्वीकृति कराने के लिए बिलासपुर जाना पड़ता है। जबकि सक्ति जिले में कुल 5 नगविद्यमान है। जिनका काम नगर पालिका परिषद चांपा में पदस्थ अधिकारियों से तकनीकी स्वीकृति कराया जाता रहा है।
इसी तरह जांजगीर चांपा जिले में 3 नगर पालिका परिषद चांपा, जांजगीर नैला, अकलतरा है वहीं 9 नगर पंचायत नगर पंचायत नवागढ़,शिवरीनारायण, खरौद, राहोद,पामगढ़ नरियरा, कोसमंदा,बलौदा, सारागांव संचालित है जिनके विकास कार्यों को गति देने के लिए तकनीकी स्वीकृति के लिए कार्यपालन अभियंता एवं सहायक अभियंता का होना आवश्यक है। कई बार देखा गया है कि नगरपालिका एवं नगर पंचायत के अधिकारी एवं कर्मचारी तकनीकी स्वीकृति कराने के लिए बार-बार बिलासपुर में पदस्थ अधिकारियों के चक्कर काटते रहते हैं इसका खामियाजा यह होता है कि यहां नगर पालिका में कार्य कराने आए लोगों का काम अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अनुपस्थिति में नहीं होता। वहीं बार-बार आवागमन करने से सरकारी खर्चे में इजाफा होता है नतीजा यह होता है कि बार-बार चक्कर काटने के बाद भी विकास कार्यों का तकनीकी स्वीकृति समय पर नहीं होता जिसके कारण टेंडर लगने में काफी देर हो जाती है। बहुतों कार्यों में लेट लतीफी से तकनीकी स्वीकृति होने के कारण शासन द्वारा स्वीकृत राशि लेप्स हो जाता है और लोग विकास कार्यों से महरूम हो जाते हैं। ऐसे में शासन को चाहिए कि जांजगीर चांपा एवं सक्ति जिले के नगर पालिका एवं नगर पंचायत के विकास कार्यों की तकनीकी स्वीकृति के लिए स्वीकृत पदों पर तत्काल अधिकारियों की पदस्थापना की जाए ताकि कार्यों को समय पर मूर्त रूप दिया जा सके। क्योंकि वर्तमान में सक्ति ,अकलतरा, जांजगीर नैला एवं चांपा नगर पालिका परिषद में कार्यपालन अभियंता के पद रिक्त पड़े हुए हैं जहां अधिकारी को पदस्थ नहीं करने से सत्तापक्ष के प्रति लोगों का आक्रोश निरंतर बढऩे लगा है, क्योंकि विकास कार्यों के लिए स्वीकृती होने के बावजूद समय पर तकनीकी स्वीकृति नहीं होने तथा संबंधित स्थान पर विकास कार्य समय पर नहीं होने से सरकार एवं स्थानीय निकाय में संचालित जनप्रतिनिधियों प्रति लोगों का रुख समय-समय पर बदलने लगा है ऐसे में राजनीतिक दृष्टि से भी इसे उचित मानते हुए रिक्त पदों को भरते हुए अधिकारियों की पदस्थापना की जानी चाहिए ताकि विकास कार्यों को समय पर पूरा किया जा सके।