जांजगीर। बीमा अवधि में मारुति बेलेनो दुर्घटनाग्रस्त होने व फिर जलकर नष्ट होने पर बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्लेम देने से इनकार कर दिया। अब उपभोक्ता आयोग ने 7 लाख 31 हजार 255 रुपए, मुकदमे के खर्च 5 हजार व मानसिक क्षतिपूर्ति 20 देने का आदेश पारित किया है। शिकायतकर्ता अनिता नारंग पति अवध नारंग निवासी ग्राम नगारीडीह ने टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी से अपनी मारुति बलेनो सीजी 11 बीई-2080 का बीमा 25 अक्टूबर 2022 से 24 अक्टूबर 2023 तक के लिए एडऑन बीमा, आन डेमेज पॉलिसी के अधीन कराया था। बीमा अवधि में वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसकी सूचना उपभोक्ता ने बीमा कंपनी व थाने में भी दी और वाहन को मारूति सर्विस सेंटर में बनाने के लिए दिया, इस बीच मारूति सर्विस सेंटर के यार्ड में आगजनी होने से शिकायतकर्ता का वाहन पूर्ण रूप से जलकर नष्ट हो गया। उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता आयोग जांजगीर के समक्ष शिकायत दर्ज कराया। आयोग ने उपभोक्ता को आदेश दिया कि वह सभी दस्तावेजबीमा कंपनी को उपलब्ध कराए तथा दावे का निराकरण नहीं किया और वाहन टोटल लॉस की श्रेणी में है माना। तब शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता आयोग जांजगीर के समक्ष फिर से शिकायत की। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुंडू, सदस्य विशाल तिवारी, सदस्य महिमा सिंह ने दोनों पक्षों के द्वारा पेश शपथ पत्र, दस्तावेजों व तर्कों का सावधानी पूर्वक अवलोकन कर यह पाया कि वाहन टोटल लॉस की श्रेणी में नहीं था। बीमा कंपनी ने क्लेम देने से इनकार कर सेवा में कमी की है। इसलिए बीमा कंपनी शिकायतकर्ता को क्लेम राशि 7 लाख 31 हजार 255 रुपए, मासिक संताप का 20 हजार तथा वाद व्यय का 5 हजार आदेश दिनांक से 45 दिनों के भीतर अदा करने का आदेश पारित किया गया।
45 दिन बाद देना होगा 6 प्रतिशत ब्याज
उपभोक्ता आयोग सदस्य विशाल तिवारी ने बताया कि 45 दिनों के भीतर राशि नहीं देने पर आदेश दिनांक से भुगतान दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देगी। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के अंतर्गत पेश परिवाद शिकायत को स्वीकार कर आदेश पारित किया गया।