कोरबा। बंगाली कल्चरल एसोसिएशन बालको द्वारा तीन दशक पूर्व स्थापित काली मंदिर का जीर्णोद्धार कर भव्य रूप दिया गया है।
1993 में स्थापित बालको का यह काली मंदिर पूरे कोरबा जिला ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्र में भी काफी प्रसिद्ध है। बिलासपुर, सरगुजा, रायगढ़ एवं जांजगीर-चांपा जिले से भी लोग दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के आसपास प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होने एवं मंदिर परिसर में गार्डन लोगों को आकर्षित करते है। समिति द्वारा मंदिर प्रांगण में अतिथि गृह का निर्माण किया गया है, जहां भक्तजन ठहरने की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। मंदिर में काली मां के साथ-साथ शिव, शनी एवं हनुमान की भी प्रतिमा स्थापित की गई है। बंगाली कल्चरल एसोसिएशन बालकों के सदस्यों द्वारा काफी समय से मंदिर के जीर्णोद्धार की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। समिति के सदस्यों के अथक प्रयास एवं आर्थिक सहयोग से जीर्णोद्धार का कार्य अब पूर्ण कर लिया गया है।