अयोध्या, ३1 अक्टूबर ।
बोलो वृंदावन बिहारी लाल की जय!! रामनगरी में दीपोत्सव के मंच से इस जयघोष ने स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन धर्म, विरासत और संस्कृति के जिस मार्ग को प्रशस्त करने की बात कह रहे थे, अब उसका अगला पड़ाव मथुरा है। मंच तो दीपोत्सव का था, लेकिन योगी के संबोधन में संकल्प के साथ चेतावनी और उलाहना भी दिखा। उन्होंने जब कहा कि सनातन धर्म के मार्ग में आने वाले हर बैरियर का वही हश्र होगा जो प्रदेश में गुंडे माफिया का हुआ है तो उन्हें करतल ध्वनि का समर्थन मिला। योगी ने अयोध्या को याद दिलाया कि डबल इंजन की सरकार ने उसे क्या-क्या दिया है, लेकिन इस सवाल पर सन्नाटा पसर गया, जब उन्होंने पूछा कि सीता की कितनी बार अग्निपरीक्षा ली जाएगी। इसका स्पष्ट इशारा फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार की तरफ था। उन्होंने 2017 की अयोध्या याद दिलाकर लोगों की चेतना को झकझोरा। कहा, ‘आपको चार से पांच घंटे बिजली मिलती थी और राम की पैड़ी के गंदे जल में स्नान स्नान करना पड़ता था। हमने जो कहा, वह किया। आप लोग ही कहते थे, ‘योगी जी एक काम करो, मंदिर का निर्माण करो’। अब जब मंदिर का निर्माण होकर रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है तो आपकी जिम्मेदारी बढ़ चुकी है। योगी ने रामनगरी के साथ ही काशी और मथुरा के विकास का संकल्प लिया तो जनसमूह ने हर-हर महादेव के जयघोष से समर्थन किया। उन्होंने प्रयागराज में अगले वर्ष होने वाले महाकुंभ के लिए सबको आमंत्रित करते हुए कहा कि दुनिया को दिखाना होगा कि सनातन धर्म का कीर्तिस्तम्भ कितना मजबूत है।
योगी के संबोधन ने स्पष्ट कर दिया कि विपक्ष के पीडीए के जवाब में प्रखर हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का अस्त्र ही रहेगा, बस सनातन धर्मियों इसे अपने तरकश में रखना होगा।विरासत की रक्षा के साथ विकास का मंत्र दोहराते हुए योगी ने अयोध्या वासियों को यह कह कर स्वप्नलोक की सैर कराई कि अभी तो यह शुरुआत है।
भविष्य की अयोध्या जैसा नगर पूरी दुनिया में नहीं होगा। विश्च के प्राय: सभी देशों फैले हर सनातन धर्मी का रुख अयोध्या की ओर होगा। वह हर हाल में एक बार अपने आराध्य की पावन जन्मभूमि पर आना चाहेगा।