
सक्ती । नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपित को फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं12 हजार रूपए अर्थदंड से दंडित किया।अभियोजन के अनुसार 14 वर्ष 10 माह की नाबालिग को घटना के दिन सुबह 10 बजे अभियुक्त रविंद्र कुमार वैष्णव (22) पिता शिवचरण वैष्णव ने मोबाइल से फोन कर अपने घर बुलाया । जब वह आरोपित के घर पैदल पहुंची तो नाबालिग की मां ने अभियुक्त को फोन लगाकर अपनी बेटी के बारे में पूछताछ की। आरोपित ने कहा कि उसकी बेटी उसके घर नहीं आई है। इसके बाद वह खुद अपनी बाइक सेनाबालिग लड़की के घर पहुंच गया और उसके पिता को अपनी बाइक में बिठाकर नाबालिग को खोजने के लिए बाराद्वार ले गया। वहां से वापस आकर उसके पिता को उसके घर में छोड़ दिया और खुद अपने घर वापस आ गया। इसके बाद वह नाबालिग को बाइक में बिठाकर अपनी चाची के गांव में छोड़कर आ गया और उसके बेटे को साथ ले आया। चाची के बेटे के साथ वह नाबालिग के घर गया और वापस फिर चाची के घर गया। नवरात्र का समय होने के कारण नाबालिग को अपने साथ दुर्गा पंडाल में घूमाने ले गया तथा इसी गांव में स्थित अपने एक अन्य चाची के घर नाबालिग को ले गया और वहां से पूर्व में जिस चाची के घर गए थे वहां नाबालिग को ले जाकर रात्रि में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। फिर सबेरे बाइक से अकेले अपने गांव लौटा इसके बाद नाबालिग की मां को बाइक में बिठाकर थाना जैजैपुर ले गया वहां गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। लड़की की मां थाने में ही रूक गई जबकि युवक फिर से अपनी चाचाी के घर वापस आ गया और नाबालिग को अपनी बाइक में बिठाकर गांव ले जाकर शनि मंदिर के पास छोड़ा। दूसरे दिन सुबह 5 बजे गांव जाकर नाबालिग को ढूंढने का ढोंग करने लगा और वापस आकर नाबालिग को बाइक में बिठाकर चांपा की ओर ले गया और वहां बस में बिठा दिया और कहा कि वह बाइक में पीछे-पीछे आ रहा है। इसी बीच नाबालिग के मामा व पुलिस वहां पहुंच गए और युवक को गिरफ्तार किया उसके विरूद्ध अपराध दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। मामले की सुनवाई कर विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट द्वारा रविंद्र वैष्णव को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 (2) के अपराध के लिए 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपए अर्थदंड , धारा 363 के लिए 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1 हजार रूपए अर्थदंड , धारा 366 के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1 हजार रूपए अर्थदंड से दंडित किया गया । अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने पैरवी की।