सक्ती। नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपित और उसके दीदी जीजा को फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रशांत कुमार शिवहरे ने 25 – 25 वर्ष सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित किया है।अभियोजन के अनुसार 7 जून 2023 को सुबह 11 एक नाबालिग लडक़ी घर में बिना किसी को बताए पैदल सक्ती रेलवे स्टेशन आ गई। उसके पिता काम से दूसरे गांव गया था। जब वह 12.30 बजे घर आया तो उसकी बेटी घर में नहीं थी। तो उसने अपनी पत्नी बच्चे और मां से पूछा कि उसकी बेटी कहां है तब घर वालों ने बताया कि वह घर में बिना बताए सुबह 11 बजे कहीं चली गई है और अब तक वापस नहीं आई है। शाम तक नाबालिग के आने का इंतजार किया गया। आसपास तलाशी भी की गई मगर उसका पता नहीं चला।
ऐसे में नाबालिग के पिता ने थाना जाकर उसकी बेटी के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने अज्ञात आरोपित के विरुद्ध भादवि की धारा 363 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की। विवेचना के दौरान नाबालिक को बरामद किया गया । उसने बताया कि वह पिछले वर्ष कक्षा 9वी जांजगीर में पढ़ी है तथा कक्षा दसवीं को भी उसके पिता उसे जांजगीर में पढ़ाना चाहते हैं। किंतु वह गांव में पढऩा चाहती है। इसी बात से गुस्सा होकर वह बिना घर में कुछ बताए पैदल सक्ती रेलवे स्टेशन चली गई। जब वह रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 में थी तब असौंदा निवासी चंद्र कुमार लहरे व उसके दो साथी उसके पास आए। चंद्र कुमार लहरे के दो साथियों ने शाम को 5.30 बजे उससे पूछा कि सभी ट्रेन चली गई है वह कहां जाएगी, तब वह कहीं नहीं जाऊंगी कहकर दूसरे प्लेटफार्म में चली गई। उसके बाद चंद्र कुमार लहरे आया और उससे उसका नाम और पता पूछा और अपने साथ चलने को कहा तथा उसे धमकी देकर अपने साथ ट्रेन में बैठा कर खरसिया ले गया।
खरसिया रेलवे स्टेशन में ट्रेन से उतरे तो चंद्र कुमार लहरे अपने जीजा तुलसी को मोबाइल से फोन किया तब उसके जीजा बाइक लेकर आया और उन दोनों को अपनी बाइक में बिठाकर अपने गांव महका ले गये। चंद्र कुमार लहरे की बहन गिरजा बाई खांडे घर में थी। चंद्र कुमार ने यहां एक कमरे नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। उसे 17 जून से 3 जुलाई 2023 तक रखा हुआ था। चंद्र कुमार शराब पीकर आता था तथा उसके साथ मारपीट करता था। नाबालिक ने यह भी बताया कि चंद्र कुमार उसे ग्राम हाटी ले गया था जहां कमरा किराया में लेकर 28 जुलाई तक रखा हुआ था और वहां भी उसके साथ दुष्कर्म किया। खरसिया के मंदिर में लेजाकर जबरदस्ती उसके साथ शादी की। किसी तरह एक दिन उसने चंद्र कुमार की मोबाइल से अपने स्वजन को सूचना दी। जिस पर पुलिस वहां पहुंची और युवक के कब्जे से नाबालिग को बरामद किया । विवेचना के दौरान पुलिस ने आरोपित चंद्र कुमार लहरे एवं उसके जीजा तुलसी खांडे एवं बहन गिरजा बाई खांडे के खिलाफ अपराध दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत कुमार शिवहरे ने चंद्रकुमार लहरे को भादवि की धारा 363 के लिए सात वर्ष, धारा 366 के लिए 10 वर्ष, धारा 376 (3) के लिए 25 वर्ष एवं धारा 6 पाक्सो एक्ट के लिए 25 वर्ष सश्रम कारावास एवं क्रमश: 1000, 2000, 50000 एवं 50000 की अर्थदंड की सजा तथा तुलसी खांडे पिता कमल साय खांडे को धारा 363, 34 के लिए 7 वर्ष धारा 366, 34 के लिए 10 वर्ष एवं धारा 6 सहपठित धारा 17 लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध के लिए 25 वर्ष का सश्रम कारावास एवं क्रमश: 1000 2000 एवं 50000 तथा गिरजा बाई खांडे पति तुलसी खांडेको धारा 6 सहपठित धारा 17 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अपराध के लिए 25 वर्ष सश्रम कारावास एवं 50000 रूपये अर्थ दंड से दंडित किया है। सभी सजाएं साथ – साथ चलेंगे। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत नेकी।