चंडीगढ़, 10 मार्च । अपनी मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन पिछले एक महीने से लगातार जारी है। किसानों ने आज रेल रोको आंदोलन का आगाज किया है। उनका कहना है कि सरकार जानबूझकर उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है। आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक किसानों का रेल रोको आंदोलन जारी रहेगा। वहीं किसानों ने एलान किया है कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्वक किया जाएगा। ट्रेनों को रेलवे स्टेशन और क्रासिंग के पास ही रोका जाएगा।किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि सरकार जनता को गुमराह कर रही है। केंद्र के साथ हुई बैठकों में भी हमारी मांगों के प्रति कुछ नहीं किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार कह रही है कि वह किसानों की सारी बातें मान चुकी है, जोकि सरासर झूठ है। किसानों की केंद्र के साथ हुई सभी बैठकें बेनतीजा रही हैं। वहीं चार घंटे तक चलने वाले आंदोलन के दौरान किसानों ने आम जनता से घर से बाहर न निकलने की अपील की है।फाजिल्का में लगभग 100 के करीब किसान रेलवे ट्रैक पर धरना लगाकर रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। उधर किसानों के धरने के चलते फिरोजपुर जाने वाली गाड़ी का इंतजार कर रहे यात्रियों को अपने सामान सहित वापस लौट के लिए मजबूर होना पड़ा। यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में या तो अब वह बस का सहारा लेंगे या फिर वापस लौटेंगे। रेलवे स्टेशन पर पुलिस बल भी तैनात है। जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन पर किसानों ने ट्रैक पर उतरकर ट्रेन रोकी। वहीं पटियाला रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर भी आंदोलनकारी किसानों ने जुटना शुरू कर दिया है। पंजाब के 22 जिलों में ट्रेनों के पहिए जाम रहेंगे। साथ ही लुधियाना के साहनेवाल रेलवे स्टेशन पर किसान मजदूर संगठन की ओर से प्रदर्शन शुरू किया गया। मालवा एक्सप्रेस ट्रेन को शनिवार रेलवे स्टेशन पर रोक लिया गया है। किसान उसके आगे प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम अपना विरोध जारी रखेंगे। हम आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक 4 घंटे के लिए ट्रेनें रोकेंगे। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता के क्रियान्वयन से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि क्योंकि जब हमने यह विरोध शुरू किया था तो हमें पता था कि हम 40 दिनों में यह विरोध नहीं जीत पाएंगे। हम अपनी ताकत बढ़ाना जारी रखेंगे। किसानों ने बताया कि एमएसपी गारंटी कानून, किसानों व मजदूरों की कजऱ्मुक्ति, स्वामीनाथन आयोग के ष्ट2+50त्न फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी, 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून लागू करने, साल में 200 दिन मनरेगा के अनुसार रोजगार व मनरेगा को खेती से जोडऩे सहित अन्य मांगों को पूरा करने पर कोई सहमति नहीं बनी है इसलिए किसान आंदोलन जारी है।किसानों नेताओं ने जनता से अपील की है कि आंदोलन के बीच कहीं यात्रा करने का प्लान ना बनाएं। इससे उन्हें परेशानी हो सकती है। साथ ही किसानों ने कहा है कि चार घंटे के इस आंदोलन में आमजन को थोड़ी दिक्कत आ सकती है, लेकिन ये निर्णय सभी के हित में ही है।