नईदिल्ली, 0७ दिसम्बर ।
महंगाई और कृषि लागत में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने छोटे किसानों को बिना गिरवी के दिए जाने वाले लोन की सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। शुक्रवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अब छोटे किसान बिना किसी गिरवी के दो लाख रुपये तक का लोन ले सकेंगे। अभी यह सीमा 1.6 लाख है। नए साल से सभी बैंकों को आरबीआई का यह निर्देश मानना होगा। अब स्माल फाइनेंस बैंक (एसएफबी) यूपीआई के माध्यम से लोन दे सकेंगे। इसका फायदा यह होगा कि गांवों में भी यूपीआई से ग्रामीणों को आसानी से लोन मिल सकेगा। एसएफबी की पहुंच गांवों में अधिक है। एसएफबी के पास अभी यह सुविधा नहीं थी। आरबीआई के मुताबिक वर्ष 2019 से किसानों के लिए बिना गिरवी वाले लोन की सीमा 1.6 लाख रुपये थी। उससे पहले यह सीमा एक लाख रुपये थी।करोड़ों किसानों के लाभ से जुड़े आरबीआई का यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर में मजबूती के लिए कृषि का प्रदर्शन हर हाल में बेहतर होना चाहिए। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कृषि सेक्टर में 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही जबकि मैन्यूफैक्चरिंग की विकास दर दो प्रतिशत रही। अच्छी फसल पर ही ग्रामीण मांग निर्भर करती है और ग्रामीण मांग में तेजी से ही तीसरी और चौथी तिमाही में जीडीपी में मजबूती की उम्मीद की जा सकती है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि डिजिटल और साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए रिजर्व बैंक अन्य बैंकों के साथ मिलकर लगातार प्रयास कर रहा है। इस दिशा में ही म्यूल अकाउंट का पता लगाने के लिए एआई का इस्तेमाल शुरू किया गया है। दास ने कहा साइबर फ्रॉड के लिए म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल किया जाता है।
फ्रॉड की रकम म्यूल अकाउंट में ही आती है। बैंकों में इसकी पहचान हो जाने पर साइबर फ्रॉड में काफी कमी आ सकती है।