नईदिल्ली, 0७ फरवरी ।
सुनहरे सपने का ख्वाब लेकर अमेरिका जाना उन्हें इंतिहा दर्द दे गया। किसी ने पुस्तैनी जमीन बेची, तो किसी ने पिता की जीवनभर की कमाई दांव पर लगा दी। हजार किलोमीटर दूर अनजान लोगों के बीच में जाने का खतरा उठाया। सिर्फ इसलिए कि एक बार अमेरिका चले गए तो सबकुछ हासिल कर लेंगे। पूरी जिंदगी संवर जाएगी, लेकिन सबकुछ गंवा बैठे। ऐसी यातना मिली जिससे जीवन में शायद ही उबर सकें। अमेरिका से जबरिया वापस भेजे गए युवाओं की पीड़ा सुन कलेजा मुंह आने को हो रहा है। पंजाब के अजनाला में मिनी बस चलाने वाला सलेमपुर गांव का दलेर सिंह उस दिन को कोस रहा है, जब वह नजदीकी गांव कोटली के एजेंट सतनाम सिंह के झांसे में आ गया था। अमेरिका जाने के लिए 45 लाख रुपये में बात हुई थी, लेकिन 60 लाख रुपये दिए थे।बीते 15 अगस्त को अमेरिका के लिए निकला था। एजेंट ने पहले उसे दुबई भेजा और वहां से उसे ब्राजील का वीजा लगवा दिया। ब्राजील में उसे साथी एजेंटों से किडनैप करवा परिवार से 15 लाख रुपये और मांगे। एजेंट ने पत्नी चरनजीत कौर को फोन किया कि 15 लाख रुपये और भेजो, तभी पति अमेरिका जा सकेगा। पत्नी ने गहने गिरवी रखे और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर पैसे भिजवाए। पैसे देने के बावजूद उसे तरह-तरह की यातनाएं दी गईं।
ब्राजील से निकलने के बाद 15-20 दिन भूखे-प्यासे पनामा के जंगलों में भटकना पड़ा। उसके बाद वह मैक्सिको से होते हुए तेजवाना बॉर्डर पहुंचा और वहीं से 23 जनवरी को अमेरिका में एंट्री हुई और पहुंचते ही अमेरिकी पुलिस ने पकड़ लिया।ऐसी ही दास्तां अजनाला के बाबा दर्शन सिंह कॉलोनी के अजयदीप सिंह की है। 12वीं पास अजय को दिल्ली के एजेंट मुकुल कुमार ने डंकी रूट से अमेरिका भेजा था। एजेंट ने मैक्सिको बॉर्डर के रास्ते से अमेरिका भेजने के लिए 45 लाख रुपये मांगे थे। वह कई दिन पनामा के जंगलों में भूखे प्यासे रहा। पनामा के जंगलों से गुजरे तो वहां कई लाशें पड़ी मिलीं।
22 जनवरी को मैक्सिको बॉर्डर पार करते ही अमेरिकी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। मां दलजीत कौर ने उसे विदेश भेजने के लिए घर गिरवी रख दिया और बैंक से कर्ज भी लिया।