
रांची, २४ जुलाई ।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में प्रस्तुत किए आम बजट में झारखंड के लिए लोक लुभावन जैसी कोई सौगात नहीं दिख रही है। दो बड़ी ऐसी योजनाओं की घोषणा जरूर की गई है, जो झारखंड के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इनमें पूर्वोदय विकास योजना में झारंखड का सम्मिलित होना ही बड़ी बात है। भारत सरकार लगातार आदिवासियों के विकास और उनके जीवन स्तर में सुधार पर जोर दे रही है। इसके अलावा अब इनके लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरुआत की घोषणा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी भूमिका निभाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए घोषणा करते हुए कहा कि सरकार झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए ‘पूर्वोदय’ योजना तैयार करेगी। इस योजना से इन राज्यों में आधारभूत संरचनाओं का विकास होगा तथा रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा।इस योजना के तहत पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए 26 हजार करोड़ रुपये के हाइवे निर्माण की भी घोषणा की गई है। वहीं, आदिवासी समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू किया जाएगा।यह योजना आदिवासी-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों के लिए संतृप्त कवरेज को अपनाएगी। इससे 63,000 गांवों को कवर किया जाएगा, जिससे पांच करोड़ आदिवासी लोगों को लाभ होगा।आम बजट तैयार करने में इस पर पूरा ध्यान रखा गया कि ऐसा न लगे कि चुनावी राज्यों को ध्यान में रखकर यह बजट तैयार किया गया। इस कारण ही कोई लोक लुभावन अर्थात सीधे नागरिकों को लाभ पहुंचानेवाली योजनाओं पर उतना फोकस नहीं किया गया।
इससे इतर, दूरगामी असर डालनेवाली योजनाओं पर जोर दिया गया। हालांकि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को शुरू करने के पीछे झारखंड के आदिवासी वोटर केंद्र बिंदु में रहे। बताते चलें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को सभी जनजातीय सीटों पर हार मिली थी।हालांकि केंद्र ने पहले भी आदिवासियों के उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं।
इनमें कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए पिछले वर्ष शुरू किए गए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान प्रमुख है।