कोरबा। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 9 अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर इस साल जनविरोधी नीतियों के खिलाफ और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की चली आ रही कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों के विरोध में कॉर्पोरेट लुटेरों,भारत छोडो! खेती छोडो के गगनभेदी नारों के साथ पूरे देश के किसान मजदूरों को एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करने का अहवाहन किया गया था कोरबा जिले में भी छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में गांव गांव में विरोध प्रदर्शन किया गया।
किसान सभा ने प्रदर्शन के माध्यम से कहा की केंद्र सरकार हमारे राष्ट्रीय संसाधनों जंगल,नदी और अन्य जल संसाधन और कृषि भूमि पर कॉर्पोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए एकाधिकारवादी मित्र पूंजीपतियों के साथ साजिश रच रही है,जिससे किसानों का एक बड़ा वर्ग जो भारत की आबादी का लगभग 52त्न है,बर्बाद हो रहा है उन्हे अपने जीवन और आजीविका से उखाड़ फेंका और विस्थापित किया जा रहा है और उन्हें प्रवासी श्रमिक बनने और गुलामों जैसी परिस्थिति में रहने और काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।किसान सभा केंद्र सरकार से एमएसपी की गारण्टी कानून बनाने,मंहगाई पर रोक लगाने,सार्वजनिक कंपनियों को बेचना बंद करने,वनाधिकार का पट्टा देने,विस्थापित परिवारों को नौकरी,मुआवजा और बसावट, किसानो की कर्जा मुक्ति, बिजली निजीकरण बिल वापसी, कारपोरेटपरस्त फसल बीमा रदद कर जलवायु परिवर्तन,फसलों की बीमारियां आदि के नुकसान की भरपाई के लिए कारगर फसल बीमा योजना लागू करने, किसान आंदोलन के फर्जी केसों की वापसी की मांग की है।