
जांजगीर । ऑनलाइन सट्टा की गिरफ्त में आकर बाजार में लाखों का कर्ज के दबाव में आकर केएसके महानदी पावर कंपनी के कर्मचारी ने मंगलवार की सुबह 5.30 बजे प्लांट के अंदर ही खुदकुशी कर ली। प्लांट में खुदकुशी करने का यह मकसद होता है कि यहां कर्मचारियों को प्लांट प्रबंधन की ओर से बतौर बीमा की क्षतिपूर्ति 33 लाख रुपए परिजनों को दी जाती है। जिसके चलते प्लांट के भीतर खुदकुशी करने का लगातार मामला सामने आ रहा है। फिलहाल मंगलवार की सुबह केएसके प्लांट के भीतर खुदकुशी मामले में परिजनों के बीच गहमागहमी का माहौल था। क्योंकि प्लांट प्रबंधन परिजनों को बीमा की क्षतिपूर्ति देने को राजी था लेकिन परिजनों को नौकरी देने से इनकार कर रहा था। प्लांट में दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने के बाद माहौल शांत हुआ। पुलिस के अनुसार अजय साहू पिता संतोष साहू केएसके महानदी पॉवर कंपनी के यूनिट 3 में स्विच गीयर रूम में पदस्थ था। वह ऑनलाइन सट्टा खेलकर मार्केट से बड़ी तादात में कर्ज ले लिया था। जिसके तगादे से परेशान रहता था। मार्केट में उसका तकरीबन 25 लाख रुपए कर्ज था। कुछ कर्ज को उसने अपनी जमीन बेचकर चुक्ता भी किया था। बावजूद मार्केट में उसका 25 लाख का कर्ज था। जिसके तगादे से परेशान था। घर में हर रोज कोई न कोई तगादे के लिए बैठा रहता था। जिसके चलते परिजन भी परेशान रहते थे। ऐसे तगादे से परेशान होकर अजय साहू सोमवार की रात को ड्यूटी में प्लांट आया था। रात भर ड्यूटी करने के बाद वह सुबह 5.30 बजे अपने सहकर्मी से कहा कि तुम फाइनल टच के लिए ऊपर जाओ मैं नीचे का काम करता हूं। जैसे ही उसका सहकर्मी ऊपर गया और वापस लौटा और नीचे उतरकर देखा तो वह फांसी के फंदे में लटका देखा। मामले की सूचना उसने कर्मचारियों को दी। कर्मचारियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस की टीम मर्ग कायम कर जांच में जुटी और शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है। यह लिखा खुदकुशी का कारण अजय साहू ने अपनी जेब में सुसाइड नोट भी रखा था। जिसमें उसने लिखा है कि मम्मी पापा व मेरी प्यारी बेटी सॉरी, मुझे माफ करना। मेरी गल्ती की वजह से पूरे परिवार वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेरी सैलरी की पूरी रकम कर्ज चुकाने में खर्च हो रहा है। घर का खर्च मुश्किल से चल रहा है। जिसके चलते सभी परेशान हैं। मैं अपने परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाया हूं। मैं जिससे कर्ज लिया हूं उसे धीरे धीरे पटा रहा हूं। मैं अपने परिवार को छोड़कर जाना नहीं चाहता था लेकिन जिसने मुझे कर्ज में पैसे दिए हैं वे जान से मारने की धमकी देते थे। जिसके चलते मुझे ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है। मेरे जाने के बाद कोई यदि कोई मेरे घर वालों को परेशान करेगा वही मेरी मौत का जिम्मेदार होगा। मेरी बेटी का ख्याल रखना। सभी अच्छे से रहना। बड़े भैया सोनू मां पाता को अच्छे से रखना। सभी से मैं माफी चाहता हूं। सॉरी मम्मी पापा, सॉरी मेरी प्यारी बेटी, सपना आपको अकेले छोड़कर जा रहा हूं। इसलिए प्लांट के भीतर करते हैं खुदकुशी केएसके प्लांट एक तरह का खुदकुशी का बेहतर स्पॉट बन चुका है। यहां हर दूसरी तीसरे महीने में कोई न कोई खुदकुशी करता है। दरअसल, प्लांट प्रबंधन कर्मचारियों का बीमा किया हुआ होता है। बीमा की रकम कर्मचारियों को 33 लाख रुपए का भुगतान करता है। साथ ही दबाव में कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी भी देनी पड़ती है। इस मामले में भी कर्मचारी के परिजनों को 33 लाख रुपए बीमा की रकम दी जाएगी। परिजन को नौकरी देने से प्रबंधन आना कानी कर रहा था लेकिन आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आनंद राम मिरी व उसके परिजनों ने प्लांट प्रबंधन पर दबाव बनाया तब जाकर प्लांट प्रबंधन नौकरी देने राजी हुई तब जाकर तकरीबन पांच घंटे बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।