
हैदराबाद, २९ मई ।
तेलंगाना के पूर्व सीएम चंद्रशेखर राव बीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले को भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहते थे, ताकि अपनी बेटी के. कविता को दिल्ली शराब घोटाले में राहत दिलाने के लिए भाजपा के साथ समझौता कर सकें। फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व डिप्टी कमिश्नर राधाकृष्ण राव ने यह स्वीकार किया है। फोन टैपिंग मामले में राधाकृष्ण राव मुख्य आरोपितों में से एक हैं। राव ने कहा पेद्दायाना (पूर्व सीएम केसीआर के लिए इस्तेमाल किया गया नाम) चाहते थे कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष को बीआरएस विधायकों की खरीद के मामले में गिरफ्तार किया जाए। इसके लिए एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया था। केसीआर चाहते थे कि बीएल संतोष को गिरफ्तार करके भाजपा के साथ समझौता किया जा सकता था, जिसके तहत राव के कविता को ईडी की जांच से छुटकारा दिलाना चाहते थे, लेकिन कुछ पुलिस अधिकारियों की वजह से गिरफ्तारी नहीं हो सकी, बाद में यह मामला हाई कोर्ट गया और कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इसके बाद एसआईटी का यह मामला सीबीआइ को सौंप दिया गया।के कविता दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद हैं। हालांकि, जब उम्मीद के अनुसार काम नहीं हुआ तो पेद्दायाना बहुत नाराज हुए थे। पूर्व डीसीपी राधाकृष्ण राव को बीते मार्च में फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने मामले से जुड़े कुछ कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक आंकड़े को खत्म किया। हालांकि, बीआरएस ने आरोपों को खारिज कर दिया है।
राधाकृष्ण राव ने बीआरएस की केसीआर सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने विपक्षी दलों के नेताओं के फोन पर बातचीत की निगरानी के लिए पुलिस मशीनरी का इस्तेमाल किया था।26 अक्टूबर 2022 को तेलंगाना में तत्कालीन बीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी समेत चार विधायकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें बीआरएस छोडक़र भाजपा में शामिल होने की पेशकश की गई थी। शिकायत के अनुसार, बीआरएस विधायकों को 100-100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। शिकायतकर्ता बीआरएस विधायक ने ये भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के अन्य विधायकों को भी भाजपा के पाले में आने के लिए 50-50 करोड़ रुपये देन की पेशकश की गई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंदु कुमार और सिम्हयाजी स्वामी को गिरफ्तार किया था। हालांकि हाई कोर्ट से तीनों को जमानत मिल गई थी। बाद में मामले को हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।


















