
श्रीनगर, १७ सितम्बर । जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि कोकरनाग के जंगल क्षेत्र में हाइडआउट को 10 से अधिक टीमों ने घेर रखा है। यही कारण है कि आतंकवादी अभी तक वहां से निकल नहीं पाए हैं। जांबाजों की शहादत को सलाम करते हुए कहा कि कुछ ऑपरेशन ऐसे होते हैं, जहां पर रिस्क बड़ा होता है। इसके बावजूद आगे बढऩे वाले लोग बहादुर होते हैं। ऐसी सूरतों में नुकसान हो जाता है। कोई टैक्टिकल एरर वाली बात नहीं है। वहीं पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी पहाड़ों, जंगलों और गुफाओं का इस्तेमाल कर गुरिल्ला वारफेयर का टैक्टिक अपना रहे हैं, ताकि सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुंचा सकें। इसके लिए हमें रणनीति तैयार करनी होगी। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, जांबाज अधिकारियों को सलाम करता हूं, जिन्होंने इस ऑपरेशन को लीड किया। जहां ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है, वह बहुत ही मुश्किल इलाका है। एक तो कड़ी चढ़ाई है, ऊपर से घना जंगल है। उसके अंदर हाइडआउट थी। यह लोग हाइडआउट के करीब पहुंच गए थे। बचाव की काफी कोशिश हुई। हालांकि जब तक हम उन्हें वहां से निकालते, तब तक उनकी शहादत हो गई गई थी। उन्होंने कहा कि लगातार ऑपरेशन चल रहा है। सुरक्षाबलों की टुकडिय़ां इन-पोजीशन हैं। डीजीपी ने एक सवाल के जवाब में कहा, वहां काफी खतरा है, क्योंकि दहशतगर्द छुपे हैं। उनका हाइडआउट भी है। करीब 10 पार्टियां अलग-अलग जगह पर लगी हुई थीं।