
बिश्रामपुर। कोयला मजदूरों के 11 वें वेतन समझौते को लेकर कोल इंडिया आफिसर्स एसोसिएशन द्वारा की गई कार्रवाई एवं अन्य श्रमिक हितैषी मुद्दों को लेकर झारखंड के रांची में संपन्न पांचों श्रमिक संगठनों की संयुक्त बैठक में विस्तृत विचार विमर्श करने के बाद कोयला उद्योग में आगामी पांच अक्टूबर से तीन दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। बैठक में बीएमसी समेत इंटक, एसएमएस, एटक एवं सीटू के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उक्ताशय की जानकारी देते हुए बैठक में शामिल बीएमएस नेता मजरुल हक अंसारी ने बताया कि बैठक में कोल इंडिया ऑफीसर्स एसोसिएशन द्वारा कोयला मजदूरों के 11 वें वेतन समझौते के विरुद्ध की गई कार्रवाई पर विचार विमर्श करते हुए इसकी घोर निंदा की गई। उन्होंने कहा कि आफिसर्स एसोसिएशन की इस कार्रवाई से कोयला उद्योग में श्रमिकों और अधिकारियों के बीच वर्षों से चले आ रहे सौहार्दपूर्ण संबंधों में खटास पैदा हुआ है। बैठक में विचार विमर्श के बाद सर्व समिति से निर्णय लिया गया कि आगामी 10 वर्षों के भीतर भारत सरकार अथवा कोल इंडिया प्रबंधन यदि अधिकारियों के वेतन, सुविधाओं एवं भत्तों में किसी भी प्रकार की वृद्धि करती है, तो श्रमिक संगठन संयुक्त रूप से उसका विरोध करेंगे। इसके बावजूद भी यदि अधिकारियों के लिए इसे लागू करती है, तो उसी के अनुरूप कोयला श्रमिकों पर भी लागू करना पड़ेगा। यह भी निर्णय लिया गया कि कोयला अधिकारियों के साथ कोयला उद्योग के किसी भी फोरम में कोई भी श्रमिक संगठन प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा। उन्होंने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि पांच अक्टूबर से कोयला उद्योग में तीन दिवसीय हड़ताल की जाएगी। इससे पूर्व आगामी 21 व 22 सितंबर को कोल इंडिया की सभी कंपनियों में सभी इकाई स्तर पर एवं तीन अक्टूबर को क्षेत्रीय स्तर पर संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक में बीएमएस नेता के लक्ष्मा रेड्डी, मजरुल हक अंसारी, इंटक नेता कुमार जयमंगल, एके झा, एचएमएस नेता नाथूलाल पांडेय, आरबी राघवन, एटक नेता रमेन्द्र कुमार, अशोक यादव, सीटू नेता डीडी रामानंदन, आरपी सिंह मौजूद थे।
























