
कोरबा। कोल पेंशनरों के हित का सुझाव अमल में नहीं लाया है। साथ ही पेंशन वृद्धि के तरीके खोजने कार्यशाला भी अधर में अटकी है। ऑल इंडिया एसेसिएशन ऑफ कोल एग्जीक्यूटिव ने कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव को पत्र लिखा है। इसमें रिटायर्ड कोयला कर्मियों के कल्याण को प्राथमिकता देने और पेंशन में बढ़ोतरी की जरूरत बताई है। कोल पेंशनरों के हित में निर्णय लेने ऑल इंडिया एसेसिएशन ऑफ कोल एग्जीक्यूटिव (एआईएसीई) ने सुझाव दिए हैं, जिसे अमल में लाने का इंतजार है। पत्र में बताया है कि एक नियमित अंतराल में पेंशन की समीक्षा व संशोधन करना था, लेकिन 1998 के बाद से अब तक इसकी समीक्षा नहीं की गई है और जब एआईएसीई के नेतृत्व में बीते फरवरी में धरना-प्रदर्शन का निर्णय लिया तो सीएमपीएफओ ने सकारात्मक निर्णय लेने आश्वस्त करने पर आंदोलन स्थगित कर दिया था, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है और न ही सुझाव को अमल में लाया है। संगठन के प्रतिनिधि मंडल के साथ सीएमपीएफओ के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस ओर भी ध्यान आकृष्ठ कराया है।
उक्त बैठक में कोल पेंशनरों के पेंशन में वृद्धि को लेकर निर्णय लेने कार्यशाला आयोजित करना था, लेकिन यह कार्यशाला चुनाव आचार संहिता के कारण स्थगित कर दी गई। इस पर भी उचित निर्णय लेने की मांग की है।
पेंशन फंड में ज्यादा खर्च पर बोर्ड ऑफ ट्रस्टी जता चुका चिंता पेंशन फंड में ज्यादा खर्च पर बोर्ड ऑफ ट्रस्टी चिंता जता चुकी है। इससे यह साफ है कि कम राशि पेंशन फंड को मिलते हैं। कोल इंडिया के सहयोगी कंपनियों से रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है। एक रिपोर्ट के अनुसार कोल इंडिया में स्थायी कर्मियों की संख्या अक्टूबर 2023 को 2 लाख 33 हजार 48 है। अ्रेू1ह्म् वहीं रिटायर कर्मियों की संख्या 31 मार्च को 3 लाख 68 हजार 546 है। इनको पेंशन देने के मद में हर साल करीब 4 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हुआ है, जबकि पेंशन फंड में 4300 करोड़ रुपए आते हैं।ऑल इंडिया ऐसोसिएशन ऑफ कोल एग्जीक्यूटिव के संयोजक पीके सिंह राठौर ने बताया कि पेंशनरों के हित में निष्पक्ष रूप से समीक्षा व संशोधन नहीं किया गया है। इस कारण कोल पेंशनरों को उचित लाभ नहीं मिल पाया। सेवानिवृत्त कोयला खनिकों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए संगठन के सुझाव अमल में लाया जाए। इसके लिए सुधार की जरूरत है। इसे लेकर होने वाली कार्यशाला भी अधर में अटक गई है।