
नई दिल्ली: केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि वह कोयला परिवहन में बाधा डालने वाली रसद बाधाओं को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कोयला मंत्रालय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समयबद्ध प्रगति को प्रभावित करने वाले मुद्दों के समाधान के लिए रेल मंत्रालय, राज्यों और विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश के निकासी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए, कोयला मंत्रालय ने महत्वपूर्ण रसद परियोजनाओं के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक व्यापक रणनीति की घोषणा की है। बयान में कहा गया है कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एकीकृत योजना और समन्वित समयबद्ध कार्यान्वयन’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो विकसित भारत 2047 के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
सरकार रणनीतिक योजना और कार्यान्वयन के माध्यम से देश के कोयला क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए समर्पित है।
बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाकर और हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर, मंत्रालय का लक्ष्य भारत को टिकाऊ कोयला उत्पादन और रसद में अग्रणी बनाना है, जिससे 2047 तक एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त हो सके। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2030 तक 1.5 अरब टन कोयला उत्पादन हासिल करना है।