
चरचा कालरी। अधिकारियों के द्वारा एन .सी डब्ल्यू ए 11 के समझौते के खिलाफ उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट दायर करने के उपरांत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा डी. पी. ई द्वारा अनुमोदन की कमी पाते हुए 60 दिनों के अंदर डी पी ई के अनुमोदन की प्रक्रिया पूर्ण करने की अनिवार्यता के साथ प्रबंधन की अपील को ख़ारिज कर दिया अब सम्पूर्ण न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण करने की जि़म्मेदारी कोयला प्रबंधन की है इस संबंध में झारखंड की राजधानी रांची में एटक, बीएमएस , एचएमएस ,सीटू एवं इंटक यूनियन की बैठक आयोजित की गई जिसमें पाँचों श्रम संगठनों ने कोयला प्रबंधन को 5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर 2023 तक तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का नोटिस दिया है नोटिस देने के कुछ देर बाद ही एच. एम. एस यूनियन ने अपने आप को हड़ताल से बाहर कर लिया जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है अधिकारियों के द्वारा न्यायालय में वेतन समझौता के ख़िलाफ़ रिट करने के सवाल पर सबसे ज़्यादा मुखर नजर आए एचएमएसके बरिष्ठ नेता क्यो हड़ताल से पलट गए मज़दूरों में चर्चा का विषय है जब सभी यूनियन ने मिलकर के प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए तीन दिवसीय हड़ताल का फ़ैसला किया है एटक यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा की प्रबंधन एवं ट्रेड यूनियन के बीच कई ऐसे मुद्दे है जिसका समाधान होना चाहिए किन्तु आज सबसे बड़ी समस्या है कोयला मज़दूरों के लिए ऐतिहासिक वेतन समझौता 11 जिसके आधार पर मज़दूरों को वेतन भुगतान मिल रहा है उसकी रक्षा करना है बाक़ी मुद्दों पर तो वात फिर हो सकती हैं इस महत्वपूर्ण बिंदु के साथ कोई और बिन्दु पर ज़ोर देने से वेतन समझौता 11 के लिये दबाव की कार्यवाही कमज़ोर हो सकती है एक बार फिर से हम सभी पाँचों यूनियनों को एकता क़ायम करना चाहिए और 5 अक्टूबर से सात अक्टूबर तक कोयला उद्योग में हड़ताल करने की तैयारी करनी चाहिए कोयला उद्योग में शानदार हड़ताल समूचे देश को हिला कर रख देगा आज यही आवश्यक है किसी भी परिस्थिति में ट्रेड यूनियनों की एकता क़ायम रहनी चाहिए इसके लिए ही कोशिश की जानी चाहिए।