कोरबा। कोल इंडिया की कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में श्रमिक संबंधी मसलों को लेकर 16 फरवरी को हड़ताल का ऐलान किया गया है। सभी कंपनियों में इस हड़ताल की घोषणा की गई है। हड़ताल से पहले साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अध्यक्ष प्रबंध निदेशक ने एक अपील जारी करते हुए हड़ताल को अनुचित और अवैध करार दिया है। दूसरी ओर श्रमिक संगठन ने कहा है कि वह अपने मुद्दों को लेकर हड़ताल जरूर करेंगे।
केंद्र सरकार के श्रम, उद्योग एवं मेहनतकश विरोधी आर्थिक नितियों को लेकर 10 केंद्रीय श्रम संगठनों ने 16 फरवरी को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। कोयला उद्योग मे सौ फीसदी हड़ताल को अंजाम देने के लिए कोयला उद्योग मे कार्यरत श्रम संगठन इंटक, एटक,सीटू एवं एचएमएस नेताओं ने कोल इंडिया एवं सिंगरेनी कोल कंपनी के चेयरमैन एवं अध्यक्ष को विधिवत सूचना दे दिया है। एटक के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष दीपेश मिश्रा ने कहा है कि कोल इंडिया के अध्यक्ष के साथ ही एसईसीएल के सीएमडी डा. प्रेम सागर मिश्रा ने श्रम संगठनों एवं कर्मचारियों के नाम अपील जारी कर कहा है की हड़ताल करना अनुचित एवं गैरकानूनी है । इसमें भाग लेने की स्थिति में संबंधित कर्मचारियों को ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ सिद्धांत के आधार पर वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही एसईसीएल के प्रमाणित स्थाई आदेश के तहत अन्य अनुशासनिक कार्यवाईयां भी की जा सकती है। दीपेश मिश्रा ने कहा की एसईसीएल के सीएमडी ने जो अपील जारी किया है , उसमें कुछ बातों से यूनियन सहमत नहीं है । यह हड़ताल गैर कानूनी है ये कहना सही नहीं है क्योंकि अपने जायज मांगों के लिए हड़ताल करने का अधिकार मिला है। वहीं काम नहीं वेतन नहीं यह कहना ठीक नहीं है। क्योंकि श्रमिक अपना श्रम बेचकर ही मजदूरी लेता है। श्रमिक अपना श्रम 16 फरवरी को बेचेगा ही नहीं तो वेतन मांगने का सवाल ही नहीं। श्रम संगठन हमेशा देश की प्रगति चाहता है। इसके साथ ही सार्वजनिक उपक्रम के की सुरक्षा करना हमारा लक्ष्य है। हम उद्योग के खिलाफ नहीं है पर श्रमिकों के हितों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, इससे हम पीछे नहीं हटेंगे। हम सरकार या प्रबंधन से कोई टकराव नहीं चाहते हैं। हमारे सर्वोच्च नेता जो निर्देश देते है हम वही करते हैं।