कोरबा। दीपका में एसईसीएल प्रबंधन की संचालित कोयला खदानें अभिशाप बना हुई हैं व इनके अधिकारी अपने कर्मचारियों व आसपास के ग्रामीणों को कालापानी से बदतर जीवन जीने को मजबूर कर रहे हैं । ये कहना है दीपका गौरव पथ के मामले को लेकर 10 दिन से लेकर हड़ताल कर रहे दीपका के समाजसेवी उमागोपाल का । उमागोपाल का कहना है की कई वर्षों से खदान संचालित करने के बावजूद भी अब तक एसईसीएल प्रबंधन अपने कर्मचारियों को ढंग की सडक़े उपलब्ध नहीं करवा पाया है । आस पास के ग्रामीणों को बाजार , स्कूल , अस्पताल , धार्मिक स्थल आदि जाने के लिए मौत के मुंह रूपी ट्रकों के रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है और इनके हजारों कर्मचारी भी बाजार में आने के लिए कीचड़ व फिसलन भरे सकरी गली से गुजरने को मजबूर हैं । उमागोपाल ने आगे कहा की निजी कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों को लाभ पहुंचाने के लिए एसईसीएल प्रबंधन ने अपने लोगों को पल पल मरने के लिए छोड़ दिया है । जिससे लोगों में आक्रोश है और आने वाले समय में एसईसीएल दीपका व गेवरा खदान प्रबंधनों के खिलाफ इतना बड़ा आंदोलन किया जाएगा की इनका जीना मुश्किल कर देंगे ।