
कोयला मंत्री के बयान से पैदा हुआ डर
कोरबा। संसद में कोयला मंत्री द्वारा दिए गए उस बयान को लेकर कामगार चिंतित हैं। जिसमें कहा गया कि 940 स्कीम के तहत बीमार मजदूरों को अनफिट घोषित कर उनके आश्रितों को नौकरी देने की सुविधा अब नहीं मिलेगी। एटक ने इसे मजदूरों के अधिकार को संकट से जोड़ते हुए आजाद चौक में आज बैठक की।
इस फैसले का विरोध करते हुए एटक नेताओं ने इसे मजदूरों के साथ अन्याय करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो कोल इंडिया के स्तर पर बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी, लेकिन मजदूरों के अधिकारों पर कुठाराघात नहीं होने दिया जाएगा। बैठक में इस बात पर भी गहरी चिंता जताई गई कि विपक्ष-विहीन संसद में चार लेबर कोड पारित कर दिए गए हैं। इससे पहले 44 श्रम कानून लागू थे, जिनकी रोशनी में विभिन्न राज्यों में 156 कानून प्रभावी थे। लेकिन नए लेबर कोड लागू होने के बाद ये सभी कानून खत्म हो जाएंगे, जिससे मजदूर आंदोलन का अधिकार भी खतरे में पड़ जाएगा। मजदूर हितों की रक्षा के लिए सरकार से आर-पार की लड़ाई लडऩे की घोषणा की गई। इस संबंध में 18 मार्च को दिल्ली में भारत के 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियनों का कन्वेंशन आयोजित किया जाएगा, जिसमें देशभर के मजदूर भविष्य की रणनीति पर फैसला करेंगे। आज की बैठक में कामरेड हरिद्वार सिंह, अजय विश्वकर्मा, एल. पी. अगरिया, दीपक उपाध्याय, धरमा राव और अरुण सहित कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।