कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कोरबा जिले में चार क्षेत्रों के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियां के काम आउटसोर्सिंग पर विभिन्न राज्यों की कंपनियों को दिए गए हैं। करोड़ों के बजट वाले काम में ठेका कंपनियों लगी हुई है जिन्होंने अपने नियमों के अंतर्गत कार्यों को पूरा करने के लिए श्रम का नियोजन किया है। एसईसीएल के गेवरा क्षेत्र मैं ऐसे ही कई कार्यो को कर रही रुंगटा ग्रुप की कंपनियों पर मजदूरों से जुड़े हुए विभिन्न मुद्दों को लेकर दबाव बना है। खबर के मुताबिक लगातार हो रहे पत्राचार और प्रदर्शन के बाद अब कंपनी ने इंप्लाइज प्रोविडेंट फंड समेत कुछ मुद्दों पर काम करना मंजूर किया है। आगामी दिनों में इस प्रक्रिया में शुरू होगा। वीएफपीएल, आईएसपीएल कॉरपोरेशन लिमिटेड जीबी जैसी कंपनिया रूंगटा ग्रुप से जुड़ी हुई बताई जा रही है जिनके द्वारा साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में आउटसोर्सिंग से जुड़े हुए कार्य किया जा रहे हैं। बड़ी संख्या में कंपनी ने मैनपॉवर का नियोजन कर रखा है। स्किल पावर के हिसाब से इस व्यवस्था को किया गया है इसलिए कंपनियों में दूसरे राज्यों के श्रमिक भी रखे गए हैं और स्तानीय भी। जानकारी के मुताबिक एक संगठन के द्वारा गेवरा क्षेत्र में कम पर रखे गए ट्रक ड्राइवर और अलग-अलग कैटेगरी के श्रमिकों से जुड़ी समस्याओं को लेकर रुंगटा ग्रुप को पत्र दिया गया है। हालांकि यह पहला अवसर नहीं है जबकि इस प्रकार की कोशिश की गई। इसमें कहां गया है कि सभी श्रेणियां के मजदूरों के मामले में इंप्लाइज प्रोविडेंट फंड की कटौती सुनिश्चित करते हुए उन्हें हर महीने इसकी रसीद उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही वेतन भुगतान का केंद्रीयकरण बैंक आधारित होना चाहिए। यह भी सुनिश्चित कर दिया जाए कि प्रत्येक महीने का वेतन संबंधित कर्मचारियों को 15 तारीख तक प्राप्त हो जाए खदान में उत्पादन और परिवहन के अलावा दूसरी गतिविधियों को लेकर जो लोग काम कर रहे हैं उनके मामलों में सुरक्षा संसाधन के अंतर्गत जरूरी सामानों को प्रदान करने की बात भी ठेका कंपनी से की गई है। यही नहीं, जोर इस बात पर भी है कि कम से कम कंपनी को अपने सभी काम के लिए 80त्न भूमिविस्थापित आंखों नियोजित करने के बारे में भी विचार करना चाहिए ताकि उनके आर्थिक और सामाजिक हितों का संरक्षण हो सके। कहां गया है कि फरवरी 2022 से कंपनी इस क्षेत्र में अपना काम कर रही है इसलिए संबंधित श्रमिकों से जुड़े हितों का पोषण करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं होना चाहिए। खबर के अनुसार अब तक की स्थिति में केवल इंप्लाइज प्रोविडेंट फंड की कटौती किए जाने संबंधी बिंदु पर अगली कार्रवाई करने का भरोसा प्राप्त हुआ है जबकि बाकी चीज विचाराधीन है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड प्रबंधन के द्वारा अपनी खदानों में नियमित कर्मचारी से काम तो लिया ही जा रहा है। वही तकनीकी और व्यावहारिक कारणों से बहुत सारे कार्यों को आउटसोर्स पर दे दिया गया है। कंपनी का उद्देश्य हर हाल में उत्पादन लक्ष्य की पूर्ति करने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में पूरी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने की है।
लगातार हो रहा टकराव
जिले में कोयला कंपनी चार क्षेत्रों के अंतर्गत अपना काम कर रही हैं जहां पर उसने दीर्घ अनुभव और दक्षता के आधार पर ठेका कंपनियों को आउटसोर्सिंग से जुड़े हुए काम दे रखे हैं। कामकाज की नीति और तरीकों को लेकर अक्सर टकराव की स्थिति बनी हुई है और आए दिन इन स्थानों पर कामकाज ठप हो जाता है। ऐसे में हर बार प्रशासन को हस्तक्षेप करने के लिए आगे आना ही पड़ता है। चाहकर भी इस प्रकार के हालात को सामान्य नहीं किया जा सका है।