4 दिन से लापता था मृत ग्रामीण
कोरबा। आंछीमार गांव में संरक्षित जनजातीय पहाड़ी कोरवा समुदाय के की अत्यंत खराब स्थिति में डोमनाला में लाश मिली है। मृतक एक माह से अपने एक साथी के साथ कर्रानारा में मवेशी चरा रहा था। चार दिन पहले वह तबीयत खराब होने पर घर जाने निकला था। परिजनों ने युवक की मौत पर हत्या की आशंका जाहिर की है। मामले में पुलिस ने वैधानिक कार्रवाही उपरांत जांच प्रारंभ कर दी है।
कोरबा के सिविल लाइन रामपुर थानांतर्गत ग्राम पंचायत करूमौहा के आश्रित ग्राम आंछीमार में मुनीराम पहाड़ी कोरवा परिवार सहित निवास करता है। उसका पुत्र तुलसी राम कोरवा 26 वर्ष रोजी मजदूरी करता था। बताया कि लगभग एक माह पहले उरगा क्षेत्र के ग्राम कर्रानारा में रहने वाला परसराम चरवाहे की तलाश में आंछीमार पहुंचा। उससे बातचीत के बाद तुलसी और जुगुत राम कोरवा मवेशी चराने कर्रानारा चले गए। वे करनारा स्थित सामुदायिक भवन में रहकर मवेशी चराने का काम कर रहे थे। सोमवार को तबीयत खराब होने पर तुलसी घर जाने की बात कहकर निकला, लेकिन गांव नही पहुंचा। जिसकी जानकारी होने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की। वे शुक्रवार को तुलसीराम के लापता होने की सूचना देने सिविल लाइन थाना पहुंचे, जहां से उन्हें उरगा थाना भेज दिया गया । उरगा थाना पहुंचने पर परिजनों को कर्रानारा के समीप डोमनाला में एक युवक के लाश मिलने की जानकारी हुई। उन्होंने शव रेखते ही मृतक की पहचान कर ली। उरगा लाला में एक युवक की सड़ी गली लाश होने की सूचना मिली थी। पुलिस शव को मर्क्युरी में रख पहचान का प्रयास कर रही थी। मामले में मृतक के पिता मनीराम ने अपने पुत्र के हत्या की आशंका जताई है। उनका कहना है कि बेटे के साथ जरूर कुछ न कुछ अनहोनी घटित हुई है। पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई उपरांत शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। मामले में पोष्टमार्टम रिपोर्ट से युवक की मौत का खुलासा हो सकेगा। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में मर्ग रजिस्टर किया है। पुलिस ने कहा है कि परिजनों के साथ-साथ अन्य संबंधित लोगों से इस बारे में पूछताछ की जाएगी और इस आधार पर आगे नतीजे तक पहुंचा जा सकेगा।
लगातार कम हो रही सरंक्षित वर्ग की संख्या जिले में
भारत सरकार के द्वारा अनेक जनजातियों को विशेष कारण से अत्यंत सरंक्षित केटेगरी में शामिल किया है और इन्हें बचाने के लिए लगातार कई योजना चला रही है। इसके अंतर्गत खान-पान से लेकर स्वास्थ्य और संसाधन पर ध्यान दिया जा रहा है। फिर भी कई कारणों से उनकी संख्या गिर रही है।