यरुशलम। इजरायली सेना की कार्रवाई में मारा गया हमास प्रमुख याह्या सिनवार गाजा के खान यूनिस के शरणार्थी शिविर में 1962 में पैदा हुआ था। वह बचपन से स्वतंत्र फलस्तीन की स्थापना के आंदोलन से जुड़ गया था और इजरायली नागरिकों के प्रति बेहद हिंसक रुख रखने के कारण उसे खान यूनिस का कसाई कहा जाता था।
1990 से कुछ पहले इजरायल ने जब उसे गिरफ्तार किया तो पूछताछ में उसने स्वीकार किया था कि वह 12 इजरायली नागरिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार था। बाद में दो इजरायली सैनिकों की हत्या के लिए उसे चार उम्रकैदों की सजा सुनाई गई। 2008 में इजरायली कैद में सिनवार को ब्रेन कैंसर हुआ लेकिन इलाज से वह ठीक हो गया।
इसी दौरान एक इजरायली सैनिक को हमास लड़ाकों ने बंधक बना लिया और 2011 में उसकी रिहाई के बदले में इजरायल को याह्या सिनवार और 999 अन्य कैदियों को रिहा करना पड़ा। रिहा होकर गाजा पहुंचने पर सिनवार का नायक की तरह स्वागत हुआ और उसके बाद संगठन में उसका कद बढ़ता गया। वह हमास की सैन्य शाखा के प्रमुख के तौर पर कार्य करने लगा। इसके बाद प्रतिद्वंद्वियों को दरकिनार करते हुए 2016 में सिनवार गाजा में हमास का सबसे बड़ा नेता बन गया।