कोरबा। मनमाने कार्यों पर रोक लगाने के लिए सरकार प्रतिबद्धता जता रही है। इसके ठीक उल्टे पोड़ी उपरोड़ा सीएचसी में एक रेडियोग्राफर को बिना काम के वेतन दिया जा रहा है। इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है।
जानकारी मिली है कि शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोंडी उपरोड़ा में स्वास्थ्य विभाग ने रेडियोग्राफर पद पर सुरजमनी नीलम को कई वर्ष से पदस्थ जरूर कर रखा है लेकिन अन्य कर्मियों और लोगों ने उसे नहीं देखा है। यह बात जरूर है कि रेडियोग्राफर को अपने काम का पूरा वेतन मिल रहा है। दावा किया गया कि नियमित कर्मी ने व्यवस्था के अंतर्गत एक ट्रेनी लडक़े को बैठा दिया है। उसका रिकार्ड में कोई उल्लेख नहीं है। पता चला है कि नियमित कर्मचारी महीने के आखिर में एक दिन प्रकट होकर पूरा हाजिरी लगा देती है ताकि उसका वेतन पत्रक बन सके। पूरे प्रकरण में सीएचसी के कुछ जिम्मेदार कर्मियों की सांठगांठ से इनकार नहीं किया जा सकता। सूत्र बताते हैं कि मामले में अस्पताल के लेखापाल हबीब खान की संलिप्तता स्वाभाविक है जो हर महीने मैडम को वेतन बनाकर देते आ रहे हैं। लेखापाल हबीब खान भी यहां कई वर्षों से पोड़ी उपरोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जमे हुए है।
बीएमओ और आरटीआई की जानकारी में भिन्नता
पोड़ी उपरोड़ा के खंड चिकित्सा अधिकारी दीपक सिंह कंवर से जानकारी ली गई तो सबसे पहले तो उन्हें अपने मातहत कर्मचारी का नाम तक याद नही आया। रेडियोग्राफर के नहीं आने के पीछे उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला दिया। उनकी जगह उनका सहायक  कर्मचारी ( असिस्टेन्ट ) वरुण कुमार उपस्थित रहता है और वरुण कुमार की नियुक्ति किस आधार पर हुई तो उन्होंने बताया कि वो भी शासकीय कर्मचारी है उसका वेतन शासन द्वारा किया जाता है। लेकिन सूचना के अधिकार में चाही गई जानकारी में उपस्थिति पंजीयक में कहीं पर भी वरुण कुमार का नाम अंकित नहीं है। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी में कई ऐसे तथ्य सामने आए जो काफी चौकाने वाले हैं। रेडियोग्राफर ने उपस्थिति पंजी में नियम विरूद्ध रविवार और सरकारी छुट्टी को भी हस्ताक्षर किये हैं। जिससे फर्जीवाड़ा का पता चलता है।