
इंदौर। इंदौर में कांग्रेस को हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। पार्टी के नेता मोतीसिंह पटेल को इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी घोषित करने से हाई कोर्ट की युगलपीठ ने भी इनकार कर दिया। इसके पहले हाई कोर्ट की एकलपीठ ऐसा करने से इनकार कर चुकी है। पटेल का कहना था कि उन्होंने पार्टी के वैकल्पिक प्रत्याशी के रूप में नामांकन फार्म जमा किया था। पार्टी ने बी-फार्म में उनके नाम का उल्लेख भी किया था। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी द्वारा नामांकन फार्म वापस लेते ही उन्हें पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का अधिकार मिल गया है। निर्वाचन आयोग को आदेश दिया जाए कि उन्हें कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी घोषित करते हुए चुनाव चिह्न आवंटित करे, लेकिन कोर्ट ने इससे इंकार कर दिया। नामांकन फार्म वापस लेने के अंतिम दिन 29 अप्रैल को इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय बम ने अपना नामांकन फार्म वापस ले लिया था। पार्टी के नेता मोतीसिंह पटेल ने भी कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में नामांकन फार्म जमा किया था, लेकिन उनका फार्म स्क्रूटनी के दौरान ही निरस्त हो गया, क्योंकि उनके नामांकन फार्म पर प्रस्तावक के रूप में दस लोगों के बजाय एक व्यक्ति के हस्ताक्षर थे। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के नामांकन फार्म वापस लेने के बाद मोतीसिह पटेल ने एडवोकेट विभोर खंडेलवाल के माध्यम से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी। इसमें कहा था कि कांग्रेस द्वारा जारी बी फार्म में दो प्रत्याशियों के नाम थे। इसमें अक्षय बम का नाम अनुमोदित प्रत्याशी और मोतीसिंह पटेल का नाम वैकल्पिक प्रत्याशी के रूप में था।