जांजगीर-चांपा। धान बेचने के बाद किसान अपनी ही जमा राशि पाने के लिए बैंको मे ‘मशक्कत कर रहे है। खास बात यह है कि सुबह से लेकर शाम तक लाइन में लगने के बाद भी किसानो को पैसा नही मिल पा रहा है। ऊपर से कैश की किल्लत के चलते 25 हजार रूपए की तय लिमिट ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि धान खरीदी कार्य 31 जनवरी को समाप्त हो चुकी है। वहीं किसान समर्थन मुल्य पर धान बेच चुके है, लेकिन सबसे बडी समस्या धान बेचने के बाद अपनी ही जमा राशि को लेकर है। सुबह से लेकर शाम तक कतार में लगने के बाद भी किसानो को समय पर राशि भुगतान नही हो पा रहा है। वही एक दिन में एक किसान को 25
हजार रूपऐ देने की तय लिमिट ने दिक्कते और भी बढ़ा दी है। कुछ इसी तरह की स्थिति बुधवार 19 फरवरी को देखने को मिली जहां जिला सहकारी बैंक में राशि नही हो पाने के चलते किसानो को अपनी ही जमा पैसा निकालने के लिए मशक्कत करनी पड़ी है। इसी तरह की समस्या बिर्रा, बम्हनीडीह, चाम्पा, बलौदा, नवागढ, पामगढ, डभरा, सारागांव सहित अन्य क्षेत्रो के जिला सहकारी बैंको में देखने को मिल रही है। किसानों ने बताया कि धान बेचने के बाद अपनी ही जमा राशि पाने के लिए काफी परेशानी हो रही है। जिला सहकारी बैंक में ‘पर्याप्त मात्रा में राशि नहीं होने के चलते हमें समय पर पैसा नही मिल पाता है। इसके चलते तीन से चार बार राशि निकालने के लिए बैंक आना पडता है। खास बात यह है कि धान बेचने के बाद किसान
अपनी ही जमा राशि पाने के लिए बैंको में मशक्कत कर रहे है। किसान सुबह से लेकर शाम तक लाइन में लगने के बाद भी उन्हें पैसा नही मिल पा रहा है। ऊपर से कैश की किल्लत के चलते 25 हजार रूपए की तय लिमिट ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है। इसके अलावा किसानों के पास एटीएम होने के बाद भी जानकारी के अभाव में उनका लाभ नहीं ले पा रहे है।
बनाई गई है व्यवस्था
किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें अलग अलग गांव के अनुसार अलग अलग दिनों में आने व्यवस्था बनाई गई है। 25 हजार की तय लिमिट उच्चाधिकारियों के आदेश के अनुसार व्यवस्था बनाई गई है।
-अमित साहू
नोडल अधिकारी, जिला सहकारी बैंक जांजगीर