जांजगीर। स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका भले ही संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम के दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत में जो स्थिति है, वह काफी दयनीय है। शहर की गली-गली गंदगी और दूषित जल का भराव है। इस वजह से मच्छरों ने लोगों की नींद हराम कर दी है। शहर के लोगों को डेंगू और मलेरिया होने की आशंका बढ़ रही है। पिछले साल कई लोग डेंगू की चपेट में आए थे। उस समय भी जगह-जगह गंदगी और जलभराव के कारण मच्छर व जल जनित बीमारियां फैली थीं, लेकिन अभी तक संक्रामक रोगों से बचाव के लिए गंदगी और जलभराव की समस्या का निराकरण नहीं कर पा रहे हैं। वैसे तो बड़ी संख्या में लोग मलेरिया से पीडि़त होते हैं, प्रायवेट अस्पतालों में इलाज कराने वालों का रिकॉर्ड शायद सीएमएचओ कार्यालय नहीं आता, इसलिए उनके रिकॉर्ड में पिछले साल मलेरिया के केवल 16 केस दर्ज हैं। पुरानी बस्ती भीमा तालाब के आसपास नालियां जाम होकर बजबजा रही हैं, वहीं तालाब के किनारे भी पानी में सड़े-गले अपशिष्ट व प्लास्टिक आदि पड़े हैं। सडऩ और गंदगी की वजह से आसपास बदबू भी फैलती है। सहकारी बैंक के इलाके में भी नालियां बजबजा रही हैं। इनमें छोटे-छोटे कीड़े पड़ गए हैं। इसके बावजूद नगर पालिका की ओर से जिम्मेदार यहां झांकने भी नहीं आ रहे। यही हाल वार्ड नंबर 10, 11 सहित अन्य वार्डों का भी है। जगह-जगह जलभराव, बजबजा रही नालियां ही मुख्य रूप से संक्रामक रोगों के फैलने में मुख्य भूमिका निभाती हैं। इसी में डेंगू, मलेरिया के मच्छर भी पनपते हैं। फॉगिंग भी नहीं हो रही राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान के अध्ययन में यह बात आई है कि फॉगिंग करने से डेंगू फैलाने वाले मच्छर केवल कुछ देर के लिए अचेत हो जाते हैं। फॉगिंग से मरते नहीं है। फॉगिंग का असर केवल सामान्य या मलेरिया के कारक क्यूलेक्स मच्छर पर ही होता है। यहां तो फॉगिंग भी नहीं हो रही ऐसे में अन्य किसी दवा के छिड़काव की उम्मीद भी शहरवासी नहीं कर पा रहे हैं। जर्नल ऑफ वेक्टर बॉर्न डिसीज के शोध पत्र के अनुसार फॉगिंग की जगह लेटेक्स, मेंथाल और बोरिक एसिड डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छरों पर सीधे असर करता है। आसपास जल का भराव नहीं होने दें ट्टपिछले साल 2023 में मलेरिया के 16 केस पाए गए थे। अच्छी बात यह है कि पिछले कई सालों की तुलना में मलेरिया के केसेज में लगातार कमी आ रही है। मलेरिया से लडऩे के लिए लोगों को भी जागरूक होना चाहिए। अपने आसपास गंदगी और जलभराव नहीं होने देना चाहिए। – डॉ. स्वाति वंदना सिसोदिया, सीएमएचओ, जांजगीर-चांपा फॉगिंग असरदार नहीं, दवा का छिड़काव कराया जाएगा ट्टफॉगिंग मच्छरों को स्थाई तौर पर भगाने के लिए असरदार नहीं है। इसके लिए नालियों आदि में दवा का छिड़काव करवाया जाएगा। साफ-सफाई करवाई जाएगी। – भगवानदास, नगर पालिका अध्यक्ष