पार्क की बाउंड्री में लगा दी मुर्गा जाली
चर्चा कॉलरी। नगर पालिका शिवपुर चर्चा मे गजब के इंजीनियर और अजब के ठेकेदार की जोड़ी मिलीभगत कर एक से बढक़र एक कारनामे कर रही है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण वार्ड क्रमांक 15 व वार्ड क्रमांक 6 के मध्य मुख्य सडक़ के बगल में बन रहा उद्यान है।
इस उद्यान के प्रवेश द्वार के अगल-बगल दोनों तरफ लगभग 30 फीट लंबी बेहद पतली मुर्गा जाली लगाई गई है जो कि आमतौर पर बॉयलर मुर्गे मुर्गियां बेचने वाले मुर्गा मुर्गी रखने के लिए इस जाली का उपयोग करते हैं सार्वजनिक उपयोग हेतु इस उद्यान में सम्मानीय नागरिक गण आएंगे या फिर मुर्गे मुर्गियों को रखा जाएगा या भविष्य के गर्त में है सार्वजनिक उपयोग के इन स्थलों में मजबूत लोहे के उपयोग से जाली बनानी चाहिए जो टिकाऊ रहे व जल्द क्षतिग्रस्त ना हो जबकि वर्तमान में लगाई गई मुर्गा जाली बेहद पतली व कमजोर होने की वजह से किसी भी छोटे बच्चे के द्वारा खींचने से उखड़ जाएगी या फिर टूट जाएगी ऐसी जालियां अक्सर पानी पडऩे से बहुत जल्दी जंग लग कर खराब भी हो जाती हैं उद्यान निर्माण में मनमानी के क्रम में ठेकेदार के द्वारा एसईसीएल के द्वारा पूर्व में निर्मित बाउंड्री वाल के ऊपर ही चंद ईट जोड़ दी गई और उसके ऊपर प्लास्टर कर दिया गया जिससे यह लगता है कि पूरी दीवार नई बनाई गई है बाउंड्री वाल में ईट जुड़ाई व प्लास्टर कार के दौरान पानी की क्यूरिंग नहीं की गई जिससे मजबूती व गुणवत्ता प्रभावित हो गई है उद्यान निर्माण के दौरान न तो इंजीनियर नजर आते हैं और नहीं कोई जिम्मेदार अधिकारी जो गुणवत्ता के अनुरूप कार्य करा सकें ठेकेदार के द्वारा अपने तरीके से काम कराया जा रहा है इस निर्माण कार्य में *दूध की रखवाली बिल्ली से कराने वाली कहावत* पूरी तरह प्रमाणित हो रही है।
नगर पालिका के इस अनूठे उद्यान निर्माण कार्य का स्टीमेट बनाने वाले इंजीनियर की प्रतिभा निश्चित ही बहुमुखी होगी नगर पालिका शिवपुर चर्चा संभवत सरगुजा संभाग की ऐसी नगरपालिका है जहां जल्द ही सर्वाधिक पार्क होने का रिकॉर्ड बन जाएगा नगर पालिका शिवपुर चर्चा के समुचित विकास के लिए प्रतिबद्ध पालिका अध्यक्ष कि सोच के विपरीत इस तरह के गुणवत्ता विभिन्न कार्य बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व सोचनीय है इस संबंध में कांग्रेस के वरिष्ठ लोगों ने कहा कि ठेकेदार को जाली बदलने के लिए कई बार कहा गया है किंतु ध्यान नहीं दे रहा है जल्दी ही जाली को बदला जाएगा कांग्रेसी सत्ता व शासन काल में कांग्रेसियों के जनहित के सुझाव न सुनना भी बेहद सोचनीय है देखना यह है कि उद्यान शुभारंभ के पूर्व गुणवत्ता विहीन जाली बदली जाती है या फिर ठेकेदार की मनमानी और मिलीभगत चलेगी।