
श्रीनगर। गांदरबल विधानसभा क्षेत्र में अपनों की घेराबंदी बढ़ती देख उमर अब्दुल्ला अब बड़गाम से भी चुनावी समर में उतर गए हैं। गुरुवार को उन्होंने बड़गाम क्षेत्र से नामांकन किया। शिया बहुल इस क्षेत्र में नेकां को कड़ी चुनौती मिल रही है। हुर्रियत नेता आगा सैयद हसन बड़गामी के पुत्र आगा सैयद मुंतजिर मेहदी के पीडीपी से चुनाव मैदान में उतरने से नेकां का गणित गड़बड़ा गया। बड़गामी शिया समुदाय के बड़े वर्ग के धर्मगुरु हैं। इससे पूर्व नेकां ने आगा सैयद महमूद को प्रत्याशी घोषित किया था पर ऐन वक्त पर उमर मैदान में आ गए।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, उमर को गांदरबल से काफी चुनौती झेलनी पड़ रही है। ऐसे में उन्होंने बड़गाम का रुख किया है। उधर पार्टी नेताओं के अनुसार, पीडीपी और जम्मू-कश्मीर आवामी नेशनल कान्फ्रेंस ने भी शिया उम्मीदवार उतारा है। ऐसे में शिया मतों का बंटवारा होने से अपनी पार्टी को फायदा मिल जाता।
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने सुन्नी मुस्लिम गुलाम मोहिद्दीन बट को प्रत्याशी बनाया है। वह 2014 चुनाव में भी करीबी मुकाबले में हार गए थे। यही वजह है उमर इस क्षेत्र से उतरे हैं।
चुनाव लड़ना कमजोरी की निशानी नहीं
दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ना कमजोरी की निशानी नहीं है, बल्कि यह हमारी पार्टी की ताकत को साबित करता है। मेरे साथी दिखाना चाहते थे कि नेकां कमजोर नहीं है, बल्कि पूरी तरह मजबूत है। – उमर अब्दुल्ला, नेकां उपाध्यक्ष