यरूशलम, ३१ अक्टूबर ।
आमजनों की सुरक्षा का ध्यान रखने के अंतरराष्ट्रीय आह्वान के बावजूद गाजा पट्टी में इजरायली सेना के हवाई और जमीनी हमले जोर-शोर से जारी हैं। इजरायली सेना ने पट्टी के मुख्य शहर गाजा सिटी को दो तरफ से घेरकर उस पर हमला कर दिया है। शहरवासियों के अनुसार उन्हें दो दिशाओं से गोली चलने और टैकों की गोलाबारी की आवाजें सुनाई दे रही हैं, बचने के लिए अब वे कहां जाएं।इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक में भी चार लोगों को मारा है। इसके अतिरिक्त गोलन पहाडिय़ों पर बसी इजरायली बस्तियों पर रॉकेट दागे जाने के बाद इजरायल ने दक्षिण सीरिया पर मिसाइलें दागीं और हवाई हमले किए हैं। लेबनान सीमा पर भी इजरायली सेना और हिजबुल्ला के लड़ाकों के बीच गोलीबारी हो रही है और राकेट दागे जा रहे हैं।गाजा में कई स्थानों पर हमास के लड़ाके मुकाबला कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी से उनका प्रतिरोध कमजोर है। ज्यादातर स्थानों पर वे छिपकर हमले कर रहे हैं। हमास मौका मिलने पर इजरायली शहरों पर भी रॉकेट दाग रहा है।कभी हमास के विरोधी रहे सशस्त्र संगठन इस्लामिक जिहाद ने अब गाजा में उसके साथ मिलकर लडऩे का एलान किया है। संगठन ने बयान जारी कर कहा है कि हमारा कर्तव्य लडऩा और लडऩा है। हम हमास के साथ मिलकर लड़ रहे हैं।
अब गाजा में युद्धविराम का समय नहीं है। गाजा में इजरायली हमलों की चपेट में बड़ी संख्या में आमजन भी आ रहे हैं। गाजा पट्टी में मरने वालों की संख्या बढक़र 8,306 हो गई है। मारे गए लोगों में 60 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे और महिलाएं हैं। इजरायली सेना से घिरे गाजा में आवश्यक वस्तुओं और ईंधन की भारी किल्लत है। इजरायली सेना गाजा में आवश्यक वस्तुओं की कम और धीमी गति से आपूर्ति की अनुमति दे रही है। सोमवार को 45 ट्रक राहत सामग्री गाजा पहुंची लेकिन उसमें डीजल-पेट्रोल नहीं था। इसलिए बमबारी और गोलाबारी के बीच वहां पर 23 लाख लोगों के लिए जीवन मुश्किल हो गया है। एक अनुमान के अनुसार गाजा में करीब 14 लाख लोग बेघर हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, एक लाख 17 हजार लोगों ने सुरक्षित रहने के लिए अस्पतालों में शरण ले रखी है। बिजली आपूर्ति भंग होने और जेनरेटर के लिए डीजल न मिलने की वजह से हाल के दिनों में बड़ी संख्या में अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद हुए हैं। आपराधिक मामलों के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अभियोजक करीम खान ने आमजनों के लिए जा रही राहत सामग्री को रोकने को युद्ध अपराध बताया है। इजरायल ने शुक्रवार से शुरू हुए युद्ध के द्वितीय चरण में हमास के 600 से ज्यादा ठिकानों को नष्ट करने का दावा किया है। इजरायली सेना ने हमास की सुरंगों और इमारतों को नष्ट करने और उनसे हमला कर रहे चार कमांडरों समेत दर्जनों लड़ाकों को मारने का भी दावा किया है। गाजा के भीतर कई स्थानों पर इजरायली सेना और हमास के बीच भीषण लड़ाई चल रही है। अल शिफा और अल कुद्स अस्पतालों के निकट इजरायली वायुसेना ने भीषण बमबारी की है। इजरायली सेना ने दोनों अस्पतालों में बड़ी संख्या में हमास लड़ाकों के छिपे होने का दावा किया है। गाजा के सबसे बड़े शिफा अस्पताल में 50 हजार से ज्यादा बेघर लोगों ने शरण ले रखी है। गाजा में 1,800 लोगों के लापता होने की भी सूचना है। उत्तरी भाग में मोबाइल फोन और इंटरनेट का संपर्क अभी भी बाधित है। यहां पर दसियों हजार फलस्तीनी अपने घरों में बने हुए हैं।फलस्तीनियों के सशस्त्र संगठन हमास और इस्लामिक जिहाद ने बताया है कि उनके लड़ाके वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में भी इजरायली सेना से लड़ रहे हैं। वहां पर इजरायली सेना ने सात अक्टूबर के बाद बड़ी संख्या में लोगों को मारा है और सैकड़ों को गिरफ्तार किया है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने हमास और हिजबुल्ला को भडक़ाने के लिए ईरान को दुष्परिणामों की चेतावनी दी है।
दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी को पुन सक्रिय कराने वाले पीके बारबोरा नहीं रहे
नई दिल्ली 31 अक्टूबर। भारतीय वायुसेना के पूर्व उप प्रमुख एयर मार्शल पीके बारबोरा (सेवानिवृत्त) का सोमवार को निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। सेना में बारबोरा के दोस्तों ने कहा कि वह कुछ समय से बीमार थे और सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जहां सोमवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। बारबोरा को एक उत्कृष्ट योद्धा के रूप में जाना जाता था। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) हवाई पट्टी को फिर से सक्रिय कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। असम के रहने वाले एयर मार्शल बारबोरा इतने प्रतिष्ठित पद तक पहुंचने वाले शायद पूर्वोत्तर के पहले व्यक्ति थे। वह एक जून 2009 से 31 दिसंबर 2010 तक भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख के पद पर रहे। उनका जन्म 10 दिसंबर 1950 को शिलांग में हुआ था।
13 जून 1970 को उन्हें लड़ाकू विमान के पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में नियुक्त किया गया था।
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