जांजगीर-चांपा। जांजगीर नैला रेलवे स्टेशन में आधा दर्जन से अधिक सुपरफास्ट ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं है। ऐसे में रेल यात्रियों को गाड़ी पकडऩे के लिए बिलासपुर एवं चांपा शहर का चक्कर लगाना पड़ता है। इसे लेकर रेल संघर्ष समिति द्वारा फरियाद भी लगाई जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी समस्या बनी हुई है।
गौरतलब है कि जांजगीर नैला रेलवे स्टेशन धीरे-धीरे मॉडल रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित होता जा रहा है, लेकिन अब तक आधा दर्जन से अधिक सुपरफास्ट ट्रेनों का यहां स्टॉपेज नहीं है। ऐसे में बड़ी गाड़ी पकडऩे के लिए रेल यात्रियों को चांपा एवं बिलासपुर शहर की दौड़ लगानी पड़ती है। जांजगीर नैला रेलवे स्टेशन से रेल यात्री प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में बिलासपुर रायगढ़ कोरबा रायपुर भोपाल मुंबई दिल्ली चेन्नई नागपुर समेत अन्य शहरों की ओर व्यापारिक एवं अन्य कार्यों के लिए आवाजाही करते हैं। ऐसे में ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं होने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। हालांकि ट्रेनों के स्टॉपेज को लेकर रेल संघर्ष समिति के द्वारा कई बार रेलवे विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है,
लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। एक तरफ देखा जाए तो जांजगीर नैला रेलवे स्टेशन के माध्यम से प्रशासन को करोड़ों रुपए का राजस्व हर साल प्राप्त होता है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। जिन सुपरफास्ट ट्रेनों का स्टॉपेज जांजगीर नैला रेलवे स्टेशन में नहीं है, इनमें हावड़ा मुंबई मेल, हावड़ा पुणे, आजाद हिंद, दुर्ग राजेंद्र नगर साउथ बिहार, बिलासपुर पटना सुपर फास्ट, पुरी बीकानेर एवं पुरी वलसाड समेत अन्य कई बड़ी गाडिय़ों का स्टॉपेज जांजगीर नैला रेलवे स्टेशन में नहीं है। इस समस्या को लेकर रेल संघर्ष समिति द्वारा प्रशासन की उच्च अफसरों को अवगत कराया गया है। जांजगीर नैला रेलवे स्टेशन के माध्यम से बनारी सिवनी नैला, जांजगीर शहर, धाराशिव, सुकली, दर्राभांठा, नवागढ़ शिवरीनारायण समेत अन्य क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग रेल के माध्यम से आवाजाही करते हैं। इस तरह से देखा जाए तो सुपर फास्ट ट्रेनों का स्टापेज नहीं होने से रेल यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। उन्हें चांपा रेलवे स्टेशन से उतरकर जांजगीर आने में बस एवं आटो का सहारा लेना पड़ता है। इसके लिए उन्हें अधिक राशि भी खर्च करनी पड़ती है।