चंडीगढ़, २९ सितम्बर । कांग्रेस विधायक सुखपाल खैहरा को जलालाबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने विरोध शुरू कर दिया है। कांग्रेस का शिष्टमंडल पार्टी के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा की अगुवाई में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिला।कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल से मांग की कि चंडीगढ़ के प्रशासक के तौर पर वह इस बात की जांच करवाएं की पंजाब पुलिस ने खैहरा को गिरफ्तार करने से पहले क्या स्थानीय थाने को विश्वास में लिया था। अगर नहीं तो जिन लोगों ने कांग्रेस के विधायक को गिरफ्तार किया उनके विरुद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज किया जाए। राज्यपाल से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पार्टी के वडि़ंग ने आरोप लगाया कि खैहरा को बगैर वारंट के उनके घर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा की कांग्रेस पार्टी चुप नहीं बैठेगी। उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। जेलों में बंद किया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस को खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार बदलाखोरी की राजनीति कर रही है। आठ साल पुराने केस, जिसकी एफआईआर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी, मामले में एक एसआईटी का गठन किया गया।इस एसआईटी ने एक बार भी खैहरा को सम्मन किए बगैर उनके खिलाफ पर्चा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वहीं, प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब में लोकतंत्र नहीं जंगल राज है। खैहरा को आज उस केस में गिरफ्तार किया गया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। यहीं नहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रधान होते हुए भगवंत मान ने भी पहले यह कहा था कि उन्होंने खैहरा की एफआईआर को देखा है। खैहरा को उन्होंने क्लीन चिट दी थी।बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगत सिंह और डॉ. भीम राव अंबेडकर की फोटो तो लगाते हैं, लेकिन उनके सिद्धांतों को मानते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रोटोकाल में एक विधायक का रुतबा मुख्य सचिव के बराबर है। फिर भी खैहरा को ऐसे गिरफ्तार किया गया जैसे वह कोई अपराधी हो।वहीं, आईएनडीआईए गठबंधन को लेकर राजा वडि़ंग ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें यह भरोसा दिया है कि प्रदेश इकाई की सहमति के बिना कोई समझौता नहीं होगा और पार्टी की राय उन्होंने व प्रताप सिंह बाजवा ने हाईकमान के सामने रख दी है।