
जांजगीर। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर जिलेभर में गुड़ी पड़वा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। विजय, समृद्धि और आरोग्य के प्रतीक और घर के देवता के स्वरूप में मराठी समाज के लोगों ने गुड़ी का पूजन किया। सुबह गणपति पूजा बाद गुड़ी पूजा शुरू हुई। घर-घर में गुड़ी लगाई गई। मान्यता के अनुसार इससे सुख-शांति व खुशहाली आती है। गुड़ी पड़वा का दिन स्वास्थ्य की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। राहुल एम. पत्की व नीलम आर. पत्की ने बताया कि गुड़ी को ब्रह्म ध्वज माना जाता है। वहीं पड़वा का अर्थ प्रतिपदा होता है। इस दिन मराठी समाज के लोग अपने घर पर गुड़ी लगाते हैं। गुड़ी के डंडी पर नई साड़ी लगाई जाती है। यह समृद्धि का प्रतीक होता है। गेंदे की माला लगाई जाती है। यह पवित्रता की प्रतीक है। साथ-साथ आरोग्य का प्रतीक नीम के पत्ते और रिश्ते में मिठास के प्रतीक बताशे को भी लगाते हैं। इस पर्व पर प्रसाद के रूप में गुड़, नीम के पत्ता, श्रीखंड-पूरी का भोग लगाया जाता है।