जांजगीर चांपा। भारत भूमि का सौभाग्य है कि यहां आदि गुरु शंकराचार्य जी का प्रादुर्भाव हुआ। उन्होंने सनातन संस्कृति को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया, चार पीठ की स्थापना करके भारतीय संस्कृति की रक्षा की।यह बातें महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने भगवान दत्तात्रेय जयंती कार्यक्रम के अवसर पर अभिव्यक्त की। उन्होंने कहा कि- हमें भगवान दत्तात्रेय से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने अपने जीवन में 24 गुरु बनाये तात्पर्य यह कि प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई गुण आवश्यक होता है। हमें गुणों को अपनाकर अवगुणों का परित्याग करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि मार्ग शीर्ष पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय की जयंती दत्तात्रेय मंदिर ब्रह्मपुरी रायपुर तथा महादेव घाट में छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज जिला रायपुर के द्वारा आयोजित की गई। इन दोनों ही कार्यक्रम में राजेश्री महन्त जी महाराज मुख्य अभ्यागत के रूप में सम्मिलित हुए। उन्होंने श्रद्धालु भक्तों को संबोधित किया उनका स्वागत आयोजन समिति की ओर से किया गया। इन दोनों अलग-अलग कार्यक्रम में विशेष रूप से अजय तिवारी जी, हरि बल्लभ अग्रवाल, संजय वैष्णव, राजेश अग्रवाल तथा चित्रसेन गिरी गोस्वामी, प्रभाकर गिरी गोस्वामी ,कुबेर प्रकाश गिरी गोस्वामी, नरेंद्र पुरी गोस्वामी, प्रीतम गिरी गोस्वामी, वेद पुरी गोस्वामी, योगेंद्र पुरी गोस्वामी, महेश पुरी गोस्वामी, सुधीर बन गोस्वामी, रमेश पुरी गोस्वामी तथा मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य नागरिक गण उपस्थित थे।