शिवरीनारायण। भगवान जगन्नाथ मंदिर पुरी से लेकर देश के तमाम बड़े मंदिरों सहित दूधाधारी मठ रायपुर में भी जेष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भगवान जगन्नाथ स्वामी को महास्नान कराया जाता है और स्नान के बाद भगवान बीमार पड़ जाते हैं। लेकिन जांजगीर चांपा जिले के शिवरीनारायण स्थित मठ मंदिर में भगवान जगन्नाथ स्वामी को जेष्ठ पूर्णिमा को महास्नान नहीं कराया जाता और वे इस दिन से बीमार नहीं पड़ते हैं। उनको आषाढ़ माह के पहले पक्ष के एकादशी के दिन महास्नान कराया जाता है जिसके बाद वे बीमार पड़ते हैं। शिवरीनारायण मठ मंदिर के पुजारी त्यागी महाराज ने बताया कि भगवान शिवरीनारायण मठ मंदिर में महाप्रभु जगन्नाथ को महास्नान आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन कराने की परंपरा है। यह तिथि इस वर्ष 2 जुलाई को पड़ेगी। इस दिन मठ मंदिर में भगवान को महास्नान कराया जाएगा जिसके बाद भगवान को मुख्य मंदिर से ले जाकर अलग से मंदिर में रखा जाएगा। जहां उनका इलाज जड़ी बूटी से बने हुए काढ़े से किया जाएगा। 7 जुलाई को रथयात्रा के दिन भगवान स्वस्थ होकर भक्तों को दर्शन देने रथ में सवार होकर अपने मौसी के घर जाएंगे।
500 वर्षों से मठ मंदिर में चली आ रही यह परंपरा
भगवान शिवरीनारायण मठ मंदिर के सर्वराकार महंत रामसुन्दर दास ने बताया कि विगत 500 वर्षों से भगवान शिवरीनारायण मठ मंदिर में यह परंपरा चली आ रही है। पूर्व के महंतों के द्वारा आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही भगवान को महास्नान कराया जाता रहा है। इसलिए परंपरा का निर्वहन करते हुए शिवरीनारायण मठ मंदिर में आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही भगवान को महास्नान कराया जाता है। उन्होंने बताया इस दिन ज्यादा नहाने के कारण भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व माता सुभद्रा बीमार हो जाते हैं। सदियों से चली आ रही परंपरा के कारण भगवान पांच दिन तक एकांतवास में रहेंगे।
भगवान जगन्नाथ को लगता है काढ़ा का भोग
मठ मंदिर के मुख्तियार सुखराम दास ने बताया कि आमतौर पर सभी दिन भगवान जगन्नाथ को दाल, रोटी, महाप्रसाद, सब्जी व दूध का भोग लगाया जाता है। लेकिन बीमार होने पर एकांतवास में भगवान को सोंठ, पीपर, अंजवाइन, दालचीनी, जावित्री, काली मिर्च, लौंग, इलायची गुड़ को उबालकर बनाया गया दशमूल काढ़ा, हल्दी युक्त दूध, फलों का जूस, औषधियुक्त लड्डू का भोग लगाया जाएगा। त्यागी महाराज ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की सारी सेवाएं स्कंद पुराण में बताए गए नियमों के अनुसार ही की जाती है।