पिसौद शराब दुकान विक्रेता के सह पर चल रहा यह कारोबार
जांजगीर चांपा। जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत पीचेड़ा में धड़ल्ले से अवैध शराब का विक्रय किया जा रहा है जहां निर्धारित दर से अधिक कीमत पर शराब बेचकर विक्रेता मालामाल हो रहे हैं, तो वही गांव में शराब बेचने से यहां का माहौल पूरी तरह से खराब होने लगा है नतीजा यह है कि कसौंदी रोड पर शाम होते ही शराबियों का एक बड़ा हिस्सा शराब सेवन करने के लिए एकत्र हो जाता है। जिसके कारण गांव का माहौल लगातार खराब होने लगा है।
विदित हो कि इस शराब विक्रय के पीछे आबकारी विभाग में पदस्थ कुछ विक्रेता लोगों द्वारा सह प्रदान किया जा रहा है जिनके संरक्षण में यहां कुछ दिनों से कुछ दबंग नुमा लोग शराब बेचकर गांव के शांत मिजाज को खराब करने का काम कर रहे हैं। जिसके कारण पचेड़ा कसौंदी रोड में लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है।
यहां यह बताना आवश्यक है कि जिस व्यक्ति द्वारा यहां शराब बेचा जा रहा है उसे ग्राम पिसोद में संचालित शराब दुकान के विक्रेता द्वारा संरक्षण प्राप्त है जिन्हें चुपचाप तरीके से बड़ी मात्रा में शराब उपलब्ध कराया जाता है और उक्त लोक अवैध रूप से निर्धारित दर से अधिक दामों पर ग्राम पचेड़ा के अनुसूचित जाति मोहल्ले में एवं अन्य चौक चौराहों में शराब बेचते हैं । उक्त व्यक्ति को ग्राम धुरकोट के एक दबंग व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त है जिसका भाई पिसोद के देसी शराब दुकान में विक्रेता का कार्य करता है जिस कारण से इनके ऊपर आबकारी विभाग के लोग भी हाथ डालने से डरते हैं। यह ग्राम पचेड़ा वासीयो के लिए एक विकराल समस्या के रूप में अनवरत पांव पसारने लगा है जहां जांजगीर एवं नवागढ़ आदि स्थानों से ग्राम गौद के लिए पचेडा जाने वाले रास्ते से गुजरने पर उन्हें शराबियों के दुव्र्यवहार का शिकार होना पड़ता है। रोजाना शाम को ग्राम पचेड़ा में शराबियों का डेरा सडक़ किनारे होता है जो शराब पीए रहते हैं और आने जाने वाले लोगों से रुपए की वसूली करते हैं । लोगों द्वारा रुपए नहीं देने पर उनके साथ जहां गाली-गलौज किया जाता है तो वही कभी-कभी मारपीट की भी नौबत हो जाती है नतीजा यह है कि अब इस राह से लोगों का गुजरा मुश्किल होता जा रहा है।
सबसे ध्यान देने वाली बात यह है कि ग्राम पचेड़ा में शराबियों के दहशत के कारण महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है जो महिलाओं को देखकर जहां कटाक्ष करते रहते हैं तो वही उनके साथ अनेक अवांछित हरकतें करते हुए छेड़छाड़ भी किया जाता है परंतु लोकलाज के कारण महिलाएं उन्हें कुछ नहीं बोलती। जिसके फल स्वरुप इन शराबियों का एवं असामाजिक तत्वों का डेरा यहां विस्तार लेने लगा है और हौसले बुलंद है। इस बात की जानकारी पुलिस विभाग के लोगों को भी है क्योंकि इस गांव में कुछ युवा पुलिस विभाग में भी अपनी सेवाएं देते हैं परंतु वे भी आपसी बात विवाद को देखते हुए उन्हें बोलना उचित नहीं समझते जिसके कारण ग्राम पचेड़ा में दहशत का माहौल निर्मित होने लगा है। बताया जाता है कि उक्त अवैध शराब विक्रेताओं द्वारा जांजगीर आरक्षित केंद्र को प्रत्येक महीने एक निश्चित राशि प्रदान किया जाता है जिसके कारण ग्राम पचेड़ा में पुलिस विभाग के लोग ऐसे लोगों पर कार्यवाही करने से परहेज करते रहते हैं परंतु पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग के द्वारा हस्तक्षेप नहीं किए जाने के कारण गांव में स्थिति बद से बदतर होने लगी है। जहां कभी भी किसी भी व्यक्ति का जान जा सकता है । पचेड़ा एवं कसौदी मार्ग से इन शराबियों के कारण शाम 4 बजे से लोगों का इस मर्ग पर आना-जाना बंद हो जाता है अगर कोई व्यक्ति मजबूरी वस इस राह से गुजरते हैं तो उन्हें शराबियों एवं असामाजिक तत्वों द्वारा उनके साथ लूट का खसूट किया जाता है तथा राशि नहीं देने के कारण पर उनके साथ गाली गलौज और मारपीट की घटना आए दिन होती है। जिसे समय रखते रहते अगर नहीं रोका गया तो आने वाले समय में किसी भी व्यक्ति की जान विवादो के कारण जा सकती है। पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग के लोगों को निहित स्वार्थ को छोडक़र ध्यान देने की जरूरत है।