
3 JCB, करीब 15-20 ट्रेक्टर लेकर चालक फरार,1 पकड़ में आया
कोरबा। कोरबा शहर में कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सीतामढ़ी के घाट पर हर दिन की तरह आज भी रेत चोरों की भीड़ लगी हुई थी। हमने दो दिन पहले ही रेत चोरों को लेकर खबर का प्रकाशन किया था, इसके कुछ घंटे बाद ही विभागीय मुखबिर की सूचना पाकर मौके से रेत चोर अपने वाहन लेकर फरार हो गए। हालांकि शाम लगभग 8 बजे 3 हाईवा भरकर ताजा-ताजा रेत यहां से जरूर निकाली गई लेकिन फिर सन्नाटा था।आज शुक्रवार को सुबह से घाट पर फिर से रेत चोरों का मेला लगा था और 15 से 20 ट्रैक्टर यहां मौजूद थे जिनमें रेत भरने के लिए तीन जेसीबी नदी में उतर गई थी। सुबह करीब 8 बजे खनिज विभाग के निरीक्षक रामखिलावन कुलार्य ने टीम के साथ मौके पर दबिश दी। अधिकारियों की गाड़ी को घाट तक पहुंचने का एक ही रास्ता मालूम था और जैसे ही दूर से विभाग की गाड़ी आती हुई नजर आई, तो रेत चोर अपने-अपने वाहन से अलग-अलग रास्तों से रफू चक्कर होने लगे। रेत खोदने के लिए मंगाई गई तीन जेसीबी के चालक भी जिधर पाए उधर से जेसीबी कुदाते हुए भागने में सफल हो गए। हालांकि इस दौरान संयोग से उनके साथ कोई हादसा नहीं हुआ, अन्यथा भाग दौड़ की आपाधापी में कोई वाहन पलट जाता तो किसी न किसी की जान रेत माफियाओं के चक्कर में चली जाती या वह हताहत हो जाता।बताया गया कि भागते भूत की लँगोटी ही सही….की तर्ज पर मौके से विभाग ने एक ट्रैक्टर को पकड़ कर जप्ती की कार्रवाई में सफलता हासिल की है।
इस बारे में विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया किंतु उनका फोन शाम तक रिसीव नहीं हुआ। हालांकि सुबह कार्रवाई के दौरान रेत खननकर्ताओं के सिंडिकेट में शामिल गंगापुरी ने मायूस होकर बताया कि वह आज राताखार घाट से रेत लेने आया है क्योंकि सीतामढ़ी में छापा पड़ा है। इसी तरह दूसरे लोग भी एक दिन पहले विभागीय मुखबिर की सूचना मिल जाने से अलर्ट हो गए थे लेकिन जो लोग नियम कायदा और विभागीय कानून को अपने जेब में रखकर चलते हैं, वह बेधड़क होकर घाट पर पहुंचे थे। अप्रत्याशित तौर पर जैसे ही यहां माइनिंग इंस्पेक्टर पहुंचे तो इनकी हवा गुल हो गई और मौके से भाग निकले।
0 संगठित कार्रवाई की जरूरत, जगह-जगह भंडारित रेत का सत्यापन भी जरूरी
बताते चलें कि विभाग को यहां ही नहीं बल्कि जिले भर में ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है और अकेले ही नहीं बल्कि इस कार्रवाई में राजस्व, पुलिस, परिवहन और पर्यावरण विभाग को मिलकर काम करना होगा तभी जिले की नदियों, घाट, पुल-पुलिया के पिल्लर को बर्बाद होने से रोका जा सकता है, खनिज संसाधन का अवैध दोहन होने से रोका जा सकेगा और सरकार को जो लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है उसे भी रोकने में कुछ हद तक सफल हो सकेंगे। वरना, रामराज्य तो उनके लिए कांग्रेस शासन में भी था और भाजपा सरकार में भी है।