चंडीगढ़। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में हरियाणा आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) 1974 को चंडीगढ़ में लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। यह फैसला केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के फैसले के बाद कर्मचारियों के खड़े विरोध प्रदर्शन को देखते हुए लिया गया है।केंद्र सरकार की ओर से आने वाले दिनों में चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारी की ओर से बिजली के निजीकरण को लेकर हड़ताल को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण अब सीधे तौर पर केंद्र सरकार के अधीन आता है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया गया है। जोकि तुरंत प्रभाव से चंडीगढ़ में लागू किया गया है। इस एक्ट के तहत आवश्यक सेवाओं को जारी रखने के लिए कोई भी कर्मचारी किसी भी तरह की हड़ताल का हिस्सा नहीं बन सकता।बिजली विभाग के कर्मचारियों के अलावा अन्य विभागों के कर्मचारी भी समर्थन में सडक़ों पर उतरेबीते कई दिनों से चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण को लेकर बिजली विभाग के कर्मचारियों के अलावा अन्य विभागों के कर्मचारी भी समर्थन में सडक़ों पर उतरे हुए हैं। चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से भी बिजली कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए एस्मा लागू किया जा चुका है।
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिये लगाया जाता है। विदित हो कि एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य दूसरे माध्यम से सूचित किया जाता है।
एस्?मा अधिकतम छह महीने के लिए लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध? और दण्?डनीय है।सरकारें एस्मा लगाने का फैसला इसलिये करती हैं क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों के लिये आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पडऩे की आशंका होती है। जबकि आवश्?यक सेवा अनुरक्षण कानून यानी एस्मा वह कानून है, जो अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिये लागू किया जाता है।