बीजिंग। चंदा मामा पर पानी की उपस्थिति का पता भारत के 2009 में भेजे गए चंद्रयान-1 मिशन के दौरान सामने आए साक्ष्यों से चला था। मिशन के दौरान आक्सीजन और हाइड्रोजन के अणुओं के रूप में पानी के साक्ष्य मिले थे। अब इसकी पुष्टि एक चीनी अभियान में भी हो गई है। चाइना एकेडमी आफ साइंस (सीएएस) के अनुसार, चांग-5 मिशन में लाई गई चंद्रमा की मिट्टी के नमूनों के अध्ययन के बाद विज्ञानियों को पानी के साक्ष्य मिले हैं।यह शोध बीजिंग नेशनल लेबोरेटरी फार कंडेंस्ड मैटर फिजिक्स और इंस्टीट्यूट आफ फिजिक्स आफ सीएएस और अन्य घरेलू शोध संस्थानों के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह 16 जुलाई को हांगकांग स्थित पत्रिका नेचर एस्ट्रोनामी में प्रकाशित हुआ है। पिछले महीने चीन के चांग-6 मिशन के पृथ्वी पर लौटने के साथ और अधिक खोजों की उम्मीद है। इसमें चंद्रमा के सबसे पुराने बेसिन से दो किलो मिट्टी लाई गई है। इससे पहले के मिशनों में चंद्रमा के बारे में हमारा ज्ञान इसके निकट से एकत्र किए नमूनों पर किए गए शोध पर आधारित है।