चटगांव, ११ अगस्त ।
हिंदुओं पर हमलों के विरोध में शनिवार को बांग्लादेश में जोर की आवाज उठी। सात लाख से ज्यादा हिंदुओं ने चटगांव के चेरगी पहाड़ इलाके में एकत्रित होकर अपने ऊपर हुए अत्याचारों पर विरोध जताया। उन्होंने अपनी सुरक्षा और देश में बराबरी का अधिकार दिए जाने की मांग की। हिंदुओं ने कहा कि सुरक्षा न मिलने पर उनकी आवाज और तेज होगी। यह जनसमूह पूरे देश से आकर एकत्रित हुआ था। हिंदुओं पर हमले के कारण अंतरराष्ट्रीय दबाव महसूस कर रहे सरकार प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने शनिवार को हिंदुओं पर हुए हमलों घृणित बताते हुए उनकी निंदा की और उन्हें रोकने की युवाओं से अपील की। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों की गूंज अमेरिका तक पहुंच गई है और वहां के हिंदू सांसदों ने बाइडन सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही हिंदुओं पर हमले पर चिंता जता चुके हैं और उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से हमलों को रोकने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपेक्षा की है।बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर चार अगस्त से शुरू हुए हिंसक आंदोलन में हिंदुओं पर लगातार हमले हुए हैं।
चार, पांच और छह अगस्त को देश के 64 जिलों में से 52 में रहने वाले हिंदुओं पर हमले हुए। इन हमलों में 205 स्थानों पर हिंदुओं की संपत्तियों और मंदिरों को निशाना बनाया गया।इन घटनाओं में दो लोग मारे गए और 45 लोग घायल हुए हैं। इन घटनाओं का ब्योरा देते हुए बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद ने अंतरिम सरकार से हमलों को तत्काल रोकने की मांग की है। हमलों से पीडि़त हजारों हिंदू भारत जाने के लिए सीमा पर पहुंचे लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। इन हमलों के विरोध में और सुरक्षा की मांग को लेकर हजारों हिंदुओं ने ढाका में प्रदर्शन किया था। शनिवार को रंगपुर में बेगम रुकैया यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने छात्रों से कहा, आपके संघर्ष को बेमानी साबित करने के लिए बहुत सी ताकतें खड़ी हुई हैं, इसलिए आप यह मौका हाथ से जाने न दें।
इस समय बांग्लादेश आपके हाथों में है।यूनुस ने हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों पर हमलों को घृणित बताया और उन्हें रोके जाने की अपील की। कहा कि अल्पसंख्यक भी इसी देश के नागरिक हैं। यूनुस ने छात्रों से हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों की सुरक्षा करने को कहा। गुरुवार को कार्यभार संभालने के बाद यूनुस पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।