
कोरबा। प्रत्यक्ष विनिवेश और श्रम सुधार के नाम पर नीतिगत रूप से किये जा रहे कई प्रकार के बदलाव ने कोल सेक्टर के श्रमिक संगठनों को नाराज कर रखा है। कोयला खदान मजदूर संघ को छोडक़र 4 मान्यता प्राप्त यूनियनों ने कुछ संगठनों से सहयोग लेकर एसईसीएल समेत अनेक कंपनियों में हड़ताल कर दी। दावा है कि नियमित कर्मचारी हड़ताल पर रहे और इससे उत्पादन पर असर पड़ा। जबकि आउटसोर्सिंग से जुड़े कर्मचारियों ने पूरी दमदारी से ड्यूटी की और डेमेज कंट्रोल किया। वहीं रेल आधारित कोयला परिवहन कोरबा जिले में पहले की तरह यथावत चलता रहा।
एसईसीएल के अंतर्गत काम कर रही विश्व की सबसे बड़ी गेवरा खदान के साथ-साथ मेगा माइंस कुसमुंडा, दीपका और कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत अनेक खदानों में कोल सेक्टर की हड़ताल का काफी हद तक असर होना बताया जा रहा है। हालांकि हड़ताल से पहले ही कोल इंडिया और एसईसीएल के बड़े अधिकारियों ने इसे टालने के लिए अपील की थी और नीतिगत रूप से अवैध करार दिया था। दूसरी ओर श्रमिक संगठनों ने इस पर पलटवार करते हुए कहा था कि नो वर्क नो पेमेंट के आधार पर हड़ताल की जा रही है इसलिए हड़ताल टालने का विषय नहीं है। तमाम प्रयासों के विफल होने पर 16 फरवरी को आहूत हड़ताल एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में हुई जो छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में स्थित है। मिली खबरों में बताया गया कि कोरबा समेत अन्य जिलों में एटक, इंटक, एचएमएस और सीटू के नेतृत्व में हड़ताल की गई जिसे काफी महत्व मिला। कोशिश थी कि उत्पादन, परिवहन और अन्य कार्यों के पूरी तरह ठप किया जाए लेकिन यह संभव नहीं हुआ। हड़ताल से दूरी बनाने वाले यूनियन के लोग काम पर रहे। आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कर्मियों ने भी संबंधित कार्यों में अपनी जिम्मेदारी निभाई।
रिपोर्ट मिलते ही करेंगे अपडेट
कोयला खदानों में यूनियनों की हड़ताल की सूचना मिली है। हालांकि अनेक स्थानों पर कामकाज चल रहा है। प्रथम शिफ्ट की उपस्थिति और निष्पादकता की रिपोर्ट मिलते ही डाटा अपडेट किया जाएगा।
बगदेवा में दिन भर डटे रहेंगे कार्यकर्ता
संयुक्त मोर्चा के द्वारा किये जा रहे हड़ताल को सफल बनाने के लिए श्रमिक संगठन के सभी कार्यकर्ता सुबह 5 बजे बगदेवा पहुंच गए थे। ये सभी कार्यकर्ता पहुंचते ही नारेबाजी करने लगे। आने-जाने वालों को देखते ही हाथ जोड़ते रहे। ये सभी कार्यकर्ता पूरे दिन भी इकाई में रहेंगे। श्रमिक नेता धर्माराव, अशोक सिंह, अजीत सिंह, मनोज सिंह, उदेश्वर नायक, धनीराम उपेंदर कुमार ने हड़ताल को सफल बनाने के लिए पहले से ही श्रमिकों की बैठक ली थी। कोई भी कार्यकर्ता घर नहीं जाएगा इसके लिए यहां पर भंडारा भी लगाया गया है ताकि हड़ताल हर हाल में सफल रहे।
सक्रिय रहे श्रमिक नेता
हड़ताल को देखते हुए कई नेताओं ने दौरा करने का निर्णय लिया है। वे सभी इकाईयों में जाकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। एसईकेएमसी के केंद्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह सभी लोगों से संपर्क बनाए हुए हैं। विवाद की स्थिति होने पर वे तत्काल पहुंचेंगे। उनके साथ संदीप चौधरी, किशोर सिन्हा सभी इकाईयों में लोगों से बातचीत किया है। एसएमएस के ए.विश्वास व सुरेंद्र मिश्रा ने बल्गी, सिंघाली, ढेलवाडीह, बगदेवा का दौरा किया। एसकेएमएस के धर्माराव ने बगदेवा में नारेबाजी करने के बाद सिंघाली, ढेलवाडीह, बल्गी का दौरा किया। इसी तरह इंटक के संदीप राय भी सभी स्थानों पर जाकर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा रहे हैं। हड़ताल पर वरिष्ठ नेता दीपेश मिश्रा नजर रखे हुए हैं। उन्होंने पहले से ही हड़ताल को सफल बनाने कार्यकर्ताओं को तैयार रहने कहा था।
25 लोगों की बनाई टीम
गेवरा में हड़ताल को सफल बनाने के लिए चार स्थानों पर ज्यादा जोर दिया है। उनके द्वारा 25 लोगों की टीम तैयार की गई है। यह टीम सुबह 5 बजे ही इन चारों स्थानों पर पहुंच गई थी। एचएमएस के रेशमलाल यादव, एटक दीपक उपाध्याय, एल.पी.अघरिया, इंटक से गोपाल यादव, छंदराम राठौर, ए.के.मिश्रा, अनिल राठौर, धरम सिंह कंवर, सूर्यकांत पाटले, विकास शुक्ला, एलिन एक्का सहित अन्य सदस्य प्रथम पाली में पहुंचकर नारेबाजी किया। उन्होंने कल हुई बैठक में निर्णय लिया था कि इन चारों स्थानों पर श्रमिकों से मुलाकात करते हुए उनसे निवेदन की जाएगी कि वे हड़ताल को सफल बनाने के लिए उनका सहयोग करें।
झंडा लेकर खड़े रहे कार्यकर्ता
दीपका श्रमिक चौक में गिरजा साहू, तरूण राहा, संजीव शर्मा, शिव त्रिपाठी, मनोज सिंह, सतीश ङ्क्षसह, शिवशंकर शुक्ला, रामकुमार कौशिक प्रथम पाली में पहुंचकर नारेबाजी करते रहे। सभी सदस्य अपने हाथों में झंडा लिये हुए थे। इस तरह कुसमुंडा क्षेत्र में भी दो स्थानों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। क्वारी नंबर-3 व 1 के निकट कार्यकर्ता 5 बजे से ही यहां पहुंच गए थे। रमेश मिश्रा, ए.के.अंसारी, वीरेंद्र टंडन, अजीत सिंह, अरूण झा सहित अन्य कार्यकर्ता एक नंबर पर ध्यान दे रहे थे। जबकि प्रोजेक्ट के मुकेश साहू, निर्मल चंद्रा, साजी जॉन, समार सिंह एक नंबर पर डटे हुए थे। कोरबा क्षेत्र से जाने वाले श्रमिक एक नंबर मार्ग से होकर जाते हैं।
कई स्थानों पर लगे टेंट
हड़ताल के समय सभी इकाईयों में टेंट लगाने की परंपरा रही है। हड़ताल की तैयारी के लिए एक दिन पहले से टेंट लगा दिए जाते थे। इस बार बगदेवा, सिंघाली, ढेलवाडीह सहित कुछ इकाईयों में टेंट लगाए गए हैं। सिंघाली में रमेश परिहार, श्यामसुंदर सिंह, संतोष साहू, संदीप राय, अशोक मंडल ने पहले से ही टेंट लगवा दिए थे। इसी तरह कोरबा पूर्व में भी कुछ स्थानों पर ही टेंट लगाए गए हैं क्योंकि ड्यूटी जाने के समय ही सदस्य पहुंचकर नारेबाजी करते हैं। एक-दो घंटा रूकने के बाद वे लौट आते हैं।
सुबह 5 बजे पहुंचे सदस्य
संयुक्त मोर्चा के द्वारा किये जा रहे हड़ताल को सफल बनाने के लिए मानिकपुर में मोहन सिंह प्रधान, राजू श्रीवास्तव, उज्जवल बनर्जी, प्रमोद बनर्जी, भागवत सिंह, मनोज शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ता 5 बजे ही पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद वे सभी कार्यकर्ता 10 बजे जाकर नारेबाजी करेंगे। इसी तरह जीएम शाखा में भी नवीन सिंह, मनोज कटेरिया, सुभाष सिंह, अनूप सरकार, प्रवीण रजक, ए.झा के द्वारा पहुंचकर नारेबाजी की गई। केंद्रीय कर्मशाला में भी आज 6 बजे ही बी.आर.सुमन, राजेश पांडेय, एन.के.साव, दिनेश साहू, बी.पी.सिंह, गिरिवर राठौर, अब्दुल माजिद, भागवत साहू, अजय सिंह पहुंच गए थे। नारेबाजी करने के बाद वे हड़ताल पर नजर बनाए हुए हैं। रजगामार में भी रामनाथ कश्यप, छेदी बंंजारे सहित अन्य सदस्य प्रात: से ही पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे।